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कानपुर की शोधार्थी ने खोज निकाला लोहे में जंग का बैक्टीरिया, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली ख्याति

जर्नल में शोध प्रकाशित होने के बाद यूएसए के फ्रंटियर्स इन एन्वायरन्मेंटल माइक्रोबायोलॉजी के एडिटोरियल बोर्ड की सदस्य के तौर पर चयन हुआ है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 05:16 PM (IST)
कानपुर की शोधार्थी ने खोज निकाला लोहे में जंग का बैक्टीरिया, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली ख्याति

कानपुर, मोहित गुप्ता। शहर की धरती ने क्रांतिकारी से लेकर वैज्ञानिकों तक को जन्म दिया है, यहीं पर आइआइटी, एनएसआई और एचबीटीयू जैसे संस्थान प्रतिभा को दक्ष बनाने में जुटे हैं। इसी धरती की एक शोधार्थी ने बिल्डिंग मटेरियल की दुनिया ऐसी खोज की है, जिसे अमेरिका ने भी सराहा है। इतना ही नहीं, शोधार्थी को यूएसए के फ्रंटियर्स इन एन्वायरन्मेंटल माइक्रोबायोलॉजी के एडिटोरियल बोर्ड की सदस्यता से नवाजा है।

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लोहे में जंग लगने वाले बैक्टीरिया खोजा

कानपुर घाटमपुर के धरमंगदपुर गांव की रहने वाली रीना सचान आइआइटी रुड़की की शोधार्धी छात्रा हैं। देश भर की इंडस्ट्री में लगीं बड़ी-बड़ी लोहे की मशीनों में अक्सर जंग लग जाती है और इससे कारोबार में करोड़ों का नुकसान होता है। वहीं जंग लगने से लोहा कमजोर पड़ जाता है बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों को नुकसान होता है। इसका कारण पता लगाने के लिए रीना ने शोध शुरू किया और उन्होंने लाेहे में जंग लगने वाले बैक्टीरिया को खोज निकाला। वह बताती हैं कि जंग के बैक्टीरिया का नाम सूडोमोनास स्पेशीज है। अब उनका जंग को खत्म करने पर शोध चल रही है।

जर्नल में प्रकाशित शोध से मिला मौका

रीना ने बताया कि एक जर्नल में उनका शोध कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डिंग मटेरियल प्रकाशित हुआ था। शोध का दुनिया भर में पढ़ा गया। इसके बाद इंटरनेशनल जर्नल ने एडिटोरियल बोर्ड में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद उनका चयन यूएसए के फ्रंटियर्स इन एन्वायरन्मेंटल माइक्रोबायोलॉजी के एडिटोरियल बोर्ड की सदस्य के तौर पर हुआ है।

बोर्ड में होते हैं आठ सदस्य

रीना ने बताया कि एडिटोरियल बोर्ड में कुल आठ सदस्य होते हैं। इसमें चीन, यूएसए के शोधार्थी भी शामिल हैं। अब वे इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित होने वाले शोध के पेपर को गुणवत्ता जांचेंगी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पेपर पास करने के बाद ही आगे बढ़ाया जाएगा।

रीना का शैक्षिक और पारिवारिक परिचय

रीना की शादी किदवई नगर एम ब्लॉक निवासी आशीष उमराव पटेल से हुई है। रीना ने सीएसजेएमयू से एमएससी करने के बाद गेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर मेरठ से एमटेक की पूरी पढ़ाई की। अब वह आइआइटी रुडकी से माइक्रोबियल इन्फ्लुएंस कोरोजेन विषय से पीएचडी कर रही हैं।


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