...ताकि माननीयों को न चलना पड़े पैदल, कानपुर में गंगा यात्रा समागम का बदला स्थान Kanpur News
बलिया व बिजनौर से चली गंगा यात्राओं का 31 जनवरी को कानपुर में संगम होगा नत्थापुरवा में आधी तैयारी पूरी करने के बाद निषाद पार्क का चयन हुआ।
कानपुर, जेएनएन। बलिया और बिजनौर से चलीं गंगा यात्रा के वीवीआइपी यात्री (माननीय) कानपुर में सुरक्षा कारणों से पैदल नहीं चलेंगे। यहां कार्यक्रम स्थल बदल दिया गया है। गंगा तट और कार्यक्रम स्थल के बीच 800 मीटर की दूरी होने के कारण यह फैसला लिया गया। अब गंगा यात्रा समागम कार्यक्रम गंगा बैराज से सटे हुए हुए निषाद पार्क में होगा।
कानपुर में 31 जनवरी को होगा समागम
सोमवार को बलिया और बिजनौर से शुरू हुई गंगा यात्रा का समागम कानपुर में 31 जनवरी को होना है। बिजनौर से आने वाली गंगा यात्रा बिल्हौर, उत्तरीपूरा, शिवराजपुर, चौबेपुर होते हुए 30 जनवरी को बिठूर पहुंचेगी। बलिया से आने वाली यात्रा भी इसी दिन शुक्लागंज पहुंच जाएगी। पहले तय कार्यक्रम के अनुसार ए दिन के विश्राम के बाद दोनों यात्राओं को 31 जनवरी को सड़क व नदी मार्ग से गंगा बैराज के उन्नाव छोर पर नत्थापुरवा गांव आना था। वीवीआइपी यात्री बोट से आने वाले थे, इसलिए कन्नौज प्रशासन ने शुक्लागंज की ओर जेटी भी लगा दी।
आठ सौ मीटर चलना था पैदल
स्थान का चयन करते वक्त यह नहीं देखा गया कि कार्यक्रम स्थल और गंगा तट पर यात्रा उतरने के स्थान के बीच आठ सौ मीटर की दूरी है। यहां पैदल ही जा सकते हैं। वह भी, गंगा बैराज के चैनल को पार कर। वीवीआइपी सुरक्षा के लिहाज से यह ठीक नहीं था। इस पर शासन ने स्थान बदलने के निर्देश दिए थे। रविवार को मंडलायुक्त सुधीर एम बोबड़े, डीएम ब्रह्मïदेव राम तिवारी, एसएसपी अनंतदेव ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों संग कई स्थानों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद, अब कार्यक्रम निषाद पार्क में करने का निर्णय लिया गया है। यह बोट क्लब के पास है। बोट क्लब पर उतरकर वीवीआइपी गंगा यात्री तुरंत कार्यक्रम स्थल पहुंच जाएंगे।
आधे से अधिक काम पूरा
नत्थापुरवा में तैयारियां तकरीबन पूरी हो गईं थी। कार्यक्रम स्थल की पूरी लेवलिंग की जा चुकी थी। वहां केवल पंडाल लगाया जाना शेष था। गंगा बैराज के पास से समागम स्थल तक बैरीकेडिंग की जा चुकी थी। 700 से अधिक चकरप्लेटें बिछाकर राह सुगम कर दी गई थी। किसानों को सब्जी, फल लगाने के लिए एक माह पहले ही मना कर दिया गया था, इसलिए उन्होंने खेती भी नहीं शुरू की थी। दोबारा व्यवस्था करने पर प्रशासन को करीब 50 लाख रुपये अधिक खर्च करने होंगे।
मौसम के मुताबिक मुफीद नहीं था स्थल
डीएम के मुताबिक कार्यक्रम स्थल गंगा और मौजूदा मौसम को देखते हुए मुफीद नहीं था। पंडाल गंगा से महज 10 मीटर दूर था। जलस्तर बढऩे पर समारोह स्थल प्रभावित हो सकता था।