Move to Jagran APP

उखड़ रही सांसों को बचाने के लिए आगे आई रिमझिम इस्पात कंपनी, एक रुपये में मुहैया करा रही ऑक्सीजन सिलिंडर

रिमझिम इस्पात ने डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की पहल पर 19 अप्रैल को अपने प्लांट से 24 नोजल से आक्सीजन सिलिंडर भरने शुरू किए थे जो अब औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के प्रयास से 96 हो गए हैं। शुक्रवार को 71 नोजल ने काम करना शुरू कर दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 01:26 PM (IST)
उखड़ रही सांसों को बचाने के लिए आगे आई रिमझिम इस्पात कंपनी, एक रुपये में मुहैया करा रही ऑक्सीजन सिलिंडर
हमीरपुर की रिमझिम इस्पात फैक्ट्री में मौजूद मंत्री सतीश महाना।

कानपुर, जेएनएन। हमीरपुर के भरुआ सुमेरपुर स्थित रिमझिम इस्पात ने संकट के समय में अनमोल प्राणवायु का महज एक रुपये प्रति सिलिंडर मोल लेकर दरियादिली दिखाई है। एक रुपये भी इसलिए कि उनके दान की कोई कालाबाजारी न कर सके। शहर के अस्पतालों को पहले 350 सिलिंडर मिल रहे थे, लेकिन शुक्रवार को 700 भेजे गए।

loksabha election banner

रिमझिम इस्पात के स्टेनलेस स्टील के प्लांट में आक्सीजन की जरूरत होती थी। इसलिए उन्होंने इंडस्ट्रियल उत्पादन का लाइसेंस लेकर प्लांट तैयार कराया था। कोरोना संक्रमण के दौरान आक्सीजन की किल्लत होने पर डीएम हमीरपुर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की पहल पर उखड़ रहीं सांसों को बचाए रखने को आगे आए। कंपनी के प्रबंध निदेशक योगेश अग्रवाल और निदेशक रोहित अग्रवाल ने कमाई करने के बजाय समाजसेवा का रास्ता चुना। महज एक रुपये में यहां से कानपुर, बांदा, हमीरपुर, झांसी समेत छह शहरों के उन लोगों व अस्पतालों को एक हजार सिलिंडर प्रतिदिन दिए जाने लगे, जिन्हें जरूरत थी। रोहित बताते हैं कि जिस अस्पताल या नर्सिंग होम को सिलिंडर देते हैं, उसे बिल जारी करते हैं। लिखापढ़ी में आने से कालाबाजारी बंद हो जाएगी। इसके बाद प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना गुरुवार को प्लांट पहुंचे और दोगुनी क्षमता की अनुमति वहीं बैठे-बैठे दिलाई। शुक्रवार को यहां पौने दो हजार सिलिंडर भरे गए। एक-दो दिन में यह क्षमता दो हजार हो जाएगी।

शुक्रवार को 71 नोजल से भरे आक्सीजन सिलिंडर

हमीरपुर : रिमझिम इस्पात ने डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की पहल पर 19 अप्रैल को अपने प्लांट से 24 नोजल से आक्सीजन सिलिंडर भरने शुरू किए थे, जो अब औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के प्रयास से 96 हो गए हैं। शुक्रवार को 71 नोजल ने काम करना शुरू कर दिया। उल्लेखनीय है कि रिमझिम इस्पात ने फैक्ट्री के इस्तेमाल के लिए करीब 10 साल पहले 80 करोड़ रुपये से आक्सीजन प्लांट तैयार कराया था, तब विवाद भी हुआ था। अब वही प्लांट वरदान बन गया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। फैक्ट्री मैनेजर मनोज गुप्ता ने बताया कि बांदा मेडिकल कॉलेज को भी प्रतिदिन 200 सिलिंडर भेजे जा रहे हैं।

इनका ये है कहना

  • अभी तक प्लांट में भरे जाने वाले एक हजार सिलिंडर में साढ़े तीन सौ कानपुर को मिल रहे थे। अब सात सौ सिलिंडर भेजे जा रहे हैं। - सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री, उप्र सरकार।
  • बढ़ी क्षमता पर उत्पादन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को पौने दो हजार सिङ्क्षलडर भरे गए। एक-दो दिन में दो हजार सिलिंडर भरे जाने लगेंगे। - रोहित अग्रवाल, निदेशक, रिमझिम इस्पात।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.