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अब शासन करेगा रेजीडेंट डाक्टर और जेआर की तैनाती, यूपी के मेडिकल कालेजों में रेजीडेंट बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर

राज्य सरकार ने राजकीय मेडिकल कालेजों सरकारी चिकित्सकीय संस्थानों व चिकित्सा विश्वविद्यालयों में पीजी और एसएस कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए तीन वर्ष की ग्रामीण क्षेत्र में तैनाती अनिवार्य कर दी थी। तैनाती के लिए काउंसिलिंग शुरू हो गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 09:50 AM (IST)
शासन ने काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कानपुर, जेएनएन। राजकीय मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशियलिटी (एसएस) और परास्नातक (पीजी) की पढ़ाई करने वाले रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट (जेआर) के लिए राहत भरी खबर है। ऐसे छात्र-छात्राओं को पास करते ही शासन के स्तर से जल्द ही तैनाती मिलेगी। एसएस कोर्स पूरा करने वाले रेजीडेंट को पुराने और नए मेडिकल कालेजों में संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया जाएगा। वहीं जेआर को सीनियर रेजीडेंट पद पर तैनाती मिलेगी। इसके लिए शासन के स्तर पर लखनऊ में काउंसिलिंग भी हो रही है।

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राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में राजकीय मेडिकल कालेजों, सरकारी चिकित्सकीय संस्थानों व चिकित्सा विश्वविद्यालयों में पीजी और एसएस कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए तीन वर्ष की ग्रामीण क्षेत्र में तैनाती अनिवार्य कर दी थी। दाखिले के समय सभी छात्र-छात्राओं से इसका बांड भरवाया गया था। बांड भरने वाले पहले बैच के छात्र-छात्राएं फाइनल परीक्षा दे चुके हैं। तीन माह के अंदर सरकार को उन्हें तैनाती देनी है।

शासन ने मांगी मेरिट लिस्ट : फाइनल परीक्षा देने के बाद छात्र-छात्राएं रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इन रेजीडेंट और जेआर को संविदा पर तैनाती देने के लिए शासन ने नीट एसएस और नीट पीजी की मेरिट लिस्ट सभी मेडिकल कालेजों से मंगा ली है। मेरिट से काउंसिङ्क्षलग कर उनकी पोस्टिंग की जाएगी।

रैंक के हिसाब से तैनाती : काउंसिलिंग के जरिए रैंक के हिसाब से रेजीडेंट को असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया जाएगा। इसी तरह पीजी करने वाले जेआर को सीनियर रेजीडेंट बनाया जाएगा।

तीन माह का समय : शासन अगर इन छात्रों को तीन माह में तैनाती नहीं दे सकेगा तो बांड खुद ब खुद खत्म हो जाएगा। अगर किसी छात्र का चयन सुपर स्पेशियलिटी कोर्स के लिए हो जाता है तो वह भी बांड की शर्तों से बाहर हो जाएगा।

-ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल अनिवार्य सेवा का बांड भरने वाला पहला बैच पास आउट होने वाला है। मेडिकल कालेज में एसआर के 76 पद हैं, जो काउंसिलिंग से ही भरे जाएंगे। इसके लिए लखनऊ में काउंसिलिंग चल रही है। उसमें 50 फीसद तैनाती नए मेडिकल कालेजों में की जाएगी। -प्रो. रिचा गिरि, उप प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज


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