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पारिवारिक लाभ की जांच में पकड़ा फर्जीवाड़ा, शासन की चार सदस्सीय टीम कर रही सत्यापन

उप्र निदेशक समाज कल्याण द्वारा भेजी गई चार सदस्यीय टीम के सत्यापन में पते पर न होने वाले मौके पर मिले और जिसे अपात्र बताया वह योजना के लिए पात्र निकला है। डीएम की जांच में 5.80 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 12:47 PM (IST)
कानपुर में पारिवारिक लाभ योजना में घोटाला सामने आया है।

कानपुर, जेएनएन। पारिवारिक लाभ योजना में हुए घोटाले की जांच में ही फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा निदेशक समाज कल्याण द्वारा भेजी गई जांच टीम ने पकड़ा। डीएम द्वारा गठित कमेटी ने जिसका पता फर्जी बताया था वह अपने पते पर मिला तो जिसे अपात्र कहा था वह पात्र निकला। चार सदस्यीय टीम अब यहां दो तीन दिन रहकर दोनों ही योजनाओं के कुछ अन्य लाभार्थियों का सत्यापन करेगी और फिर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में डीएम द्वारा कराई गई जांच में 5.80 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की बात सामने आई है। डीएम आलोक तिवारी ने समाज कल्याण अधिकारी के निलंबन की संस्तुति की है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही निदेशक समाज कल्याण राकेश कुमार ने संयुक्त निदेशक मुख्यालय अरुण कुमार पांडेय के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम जांच के लिए भेजी। टीम सुबह समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय पहुंची और दोनों योजनाओं का कार्य देखने वाले लिपिकों के बयान दर्ज किए। इसके बाद अभिलेख देखे। टीम ने डीएम द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया और नमूने के तौर पर कुछ अपात्रों के सत्यापन के लिए निकले।

सीटीएस बस्ती कल्याणपुर निवासी पारिवारिक लाभ योजना की लाभार्थी सुनीता देवी को डीएम की जांच टीम ने यह कहते हुए अपात्र कह दिया था कि उनके पास पान की दुकान है और अपना खुद का पक्का मकान है, शासन की टीम ने पाया कि सुनीता को सीटीएस बस्ती में प्रशासन द्वारा आवास आवंटित है उनका खुद का मकान नहीं है और वह पात्र हैं। इसी तरह पुष्पा देवी को जांच टीम ने फर्जी पते पर लाभ देने की बात कही थी।

शासन की टीम को पुष्पा उसी मकान पर मिलीं जिस पते पर उन्हें पारिवारिक लाभ योजना का अनुदान दिया गया था। अफसरों को फिलहाल तीन जांच रिपोर्ट गलत मिली है। समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत ङ्क्षसह ने जांच टीम के समक्ष बयान दर्ज कराए और कहा कि पूर्व में जारी शासनादेश के अनुसार एसडीएम द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट के दोबारा सत्यापन का अधिकार उन्हें नहीं है। जांच टीम में उप निदेशक मुख्यालय एसके राय, वरिष्ठ संपरीक्षक कपिल देव, व नीरज कुमार शामिल हैं।


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