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Lockdown-2.0: जानें-उप मुख्यमंत्री से वेबिनॉर में कानपुर के बड़े उद्योगपतियों ने क्या कहा

दैनिक जागरण ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शहर के उद्योगपतियों को वेबिनार के जरिये मुखातिब कराया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 01:26 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 05:30 PM (IST)
Lockdown-2.0: जानें-उप मुख्यमंत्री से वेबिनॉर में कानपुर के बड़े उद्योगपतियों ने क्या कहा

कानपुर, जेएनएन। निर्यात से देश को आठ हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा दिलाने वाला कानपुर का उद्योग लॉकडाउन में बंद है। टेनरी से लेकर होजरी, कपड़ा, इंजीनियरिंग. हर सेक्टर में सन्नाटा है। उद्योगपतियों और बड़े कारोबारियों को भरोसा है कि जिस कोरोना वायरस के कारण यह नौबत आई है, उससे तो पार पा ही लेंगे। लेकिन, उसके बाद क्या? क्या कारोबार उसी तरह से पटरी पर आ जाएगा, जैसा कि पहले था? जवाब कुछ भी हो, लेकिन सवालों की झड़ी फिर भी खत्म नहीं होती। मन में उठ रहे ऐसे ही संशय और सवालों का जवाब तलाशने के लिए दैनिक जागरण ने सोमवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शहर के उद्योगपतियों को वेबिनार के जरिये मुखातिब कराया।

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बिजली के फिक्स्ड चार्ज से मिलेगी माॅफी

बिजली के फिक्स्ड चार्ज की माफी मिलेगी या इसे बाद में चुकाना होगा? इस सवाल पर जिले का प्रभार देख रहे डिप्टी सीएम ने कहा कि जल्द ही असमंजस दूर कराएंगे। इस दौरान उद्यमियों ने संशय और सवालों के बीच कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि कोरोना के कारण यह वक्त कठिन जरूर है, लेकिन हमें इसे कारोबारी अवसर के रूप में तब्दील करना है। इसमें सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने सुझाव ई-मेल करने को भी कहा। जागरण समूह के निदेशक संदीप गुप्ता ने सभी का आभार जताते हुए इसे सार्थक चर्चा बताया। संपादकीय प्रभारी नवीन सिंह पटेल ने वेबिनार का संचालन किया।

नए उद्योगों की स्थापना के लिए तैयार रहे सरकार

उद्यमी अमर तुलस्यान ने कहा कि कोरोना के फैलाव के बाद एक अलग आर्थिक रेस शुरू होगी। चीन का प्रभुत्व घटेगा और सारे देश इसका फायदा उठाने में जुटेंगे। एक तरह का ग्लोबल इकॉनोमिक वार शुरू हो जाएगा। अभी ही आवश्यक वस्तुओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार को नए उद्योगों की स्थापना के लिए तैयार रहना होगा। यह संकट का समय है, लेकिन उद्यमियों के लिए अवसर भी। अगर सरकार से सहूलियतें मिलेंगी तो यह देश और प्रदेश दोनों को आगे ले जाने वाला कदम होगा।

उद्यमी रोहित टंडन ने भी कहा कि हमारे सामने चीन को चुनौती देते हुए नए बाजार बनाने का बड़ा अवसर है। ऐसे में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि सरकार इसकी तैयारी में पहले से ही है। इस मामले में कानपुर बेहद खास है। लिहाजा, उत्तर प्रदेश और खासकर कानपुर को अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए। वैसे भी, कानपुर देश के लिए उत्पादन में बड़ी भूमिका निभाता है। यहां के उद्यमी देश-दुनिया में जाने-पहचाने जाते हैं।

इंडस्ट्री को मिले पैकेज

सुपर हाउस ग्रुप के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहा कि कानपुर में चर्म उद्योग पूरी तरह से बंद हैं। यह बेहद कम मार्जिन वाला उद्योग है। लेबर का खर्च ज्यादा आता है। लिहाजा, कामगारों का खर्च उठाने के लिए सरकार इंडस्ट्री को पैकेज दे। जिन चर्म उद्यमियों ने कर्ज ले रखा है, वह माफ किया जाए। डिप्टी सीएम ने उन्हें लिखित में सुझाव देने को कहा, ताकि सरकार विचार कर सके।

उद्योगों में नए निवेश की जरूरत

आरएसपीएल समूह के ग्रुप प्रेसीडेंट सुशील बाजपेयी ने कहा कि उनका उद्योग सारे नियमों के अनुकूल चल रहा है। हालांकि, यह समय है जबकि उद्योगों में इन्वेस्टमेंट को बढ़ाए जाने की जरूरत है। सरकार को भी इंडस्ट्रीज की मदद करनी चाहिए। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में व्यवहारिक दृष्टिकोण से अपने सुझाव दें। नए निवेश पर सरकार विचार कर रही है।

कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो तो उद्यमी पर न हो कार्रवाई

मोहिनी चाय समूह के निदेशक दिनेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे उद्योग में कोविड-19 के सारे मानकों का पालन किया जा रहा है। शारीरिक दूरी के सब नियम अपनाए जा रहे हैं। इसके बावजूद कोई कर्मचारी किसी अन्य कारण से कोरोना संक्रमित हो जाए तो उद्यमी पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि आप बचाव का पूरा इंतजाम रखें, बाकी निश्चिंत रहें। सरकार आपके साथ है। चिंता की कतई जरूरत नहीं है।

वेतन कटौती की गाइडलाइन तय हो

बैरन आर्गेनिक्स के प्रबंध निदेशक रोहित टंडन ने कहा कि दवा का 80 फीसद कारोबार चीन पर निर्भर है। यह वक्त है, जब हम अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। इस दिशा में काम किया जाना चाहिए। टंडन ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने की तरफ भी ध्यान दिलाया। कहा, इस मामले में पूरी तरह मनमानी चल रही है। इसमें स्पष्टता होनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने उनके सुझाव का स्वागत किया। कहा, इस संदर्भ में ¨बदुवार सुझाव भेज दें, सरकार उन पर पूरी गंभीरता से विचार करेगी। कोशिश होगा कि उस पर अमल भी हो।

रोज की जरूरत है अगरबत्ती, इस माना जाए आवश्यक वस्तु

तिरंगा अगरबत्ती समूह के प्रबंध निदेशक नरेंद्र शर्मा ने कहा कि अगरबत्ती और धूपबत्ती हर घर में इस्तेमाल होती है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में दवा के साथ ही दुआ की भी जरुरत है। लाखों लोगों को इस उद्योग से रोजगार मिलता है। इसलिए इसे भी आवश्यक वस्तुओं में शामिल करते हुए उत्पादन की अनुमति दे देनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है, लेकिन निर्णय शासन को देना है। डिप्टी सीएम ने कहा कि वे पूरी बात समझ गए हैं। आपका सुझाव बहुत अच्छा है, जल्द ही उत्पादन चालू कराएंगे। अपने सुझाव हमें ई-मेल भी कर सकते हैं।

बॉर्डर पर रुक रही हैं गाड़ियां

अशोक मसाले समूह के निदेशक अरुण गुप्ता ने कहा कि मसाले का कारोबार तो चल रहा है, लेकिन माल मंगाने में परेशानी हो रही है। बॉर्डर पर गाड़ियां रोकी जा रही हैं। कामगार भी ड्यूटी पर आने से कतरा रहे हैं। कहा, कुछ लोग समझते हैं कि लॉकडाउन में घर बैठे ही वेतन मिल जाएगा। न आने वालों को पूरा वेतन देना ठीक नहीं होगा। इनका दो-ढाई हजार रुपये न्यूनतम वेतन तय कर दिया जाए। डिप्टी सीएम ने गाड़ियां न रोके जाने का भरोसा दिया। वेतन के मुद्दे पर भी गंभीरता से विचार का आश्वासन दिया।

कामगारों के न आने की समस्या है

गोल्डी मसाले समूह के निदेशक आकाश गोयनका ने कहा कि उद्योग तो चल रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या कामगारों की है। वे ड्यूटी पर आने से आनाकानी कर रहे हैं, जबकि संस्थान में कोरोना से बचाव के सारे उपाय किए जा रहे हैं। ऐसे उद्योग जो चालू हैं, वहां यदि कामगार नहीं आ रहे हैं तो उन पर दबाव बनाना चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मसला गंभीर है। आप लिखित सुझाव दें, सरकार इस ओर जरूर कुछ ध्यान देगी।

वेतन और बिजली से जुड़े आदेश स्पष्ट किए जाएं

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने कहा कि बंद पड़े उद्योगों में बिजली का फिक्स्ड चार्ज माफ किया जाना चाहिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि यह तो माफ किया गया है। इस पर सुनील वैश्य ने कहा कि यह माफ नहीं किया गया है, सिर्फ स्थगित किया गया है। इसे माफ कराया जाए। उन्होंने लॉकडाउन में पूरा वेतन देने को लेकर भी स्पष्ट दिशा निर्देश की मांग की। कहा, यूरोपीय देशों में कुछ वेतन सरकार भी वहन कर रही है। यहां यदि वेतन आधा नहीं किया गया तो एमएसएमई सेक्टर वहन नहीं कर पाएंगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस संशय को जल्द ही दूर कराएंगे।

उद्योगों को सरकार से मदद की जरूरत

कपिला पशु आहार के निदेशक सौरभ शिवहरे ने कहा कि यह कठिन समय है। हमारे संस्थान में मानकों का पूरा पालन कराया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह उद्योगों को मदद करे। उद्यमी बेहतर से बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि इस संबंध में अपने व्यवहारिक सुझाव ईमेल की जरिए दे दें। सरकार जरूर उनकी बातों पर गंभीरता से विचार करेगी।

केंद्र-राज्य साथ-साथ हटाएं पान मसाला से बैन

नाइन सेनेटरी पैड के सह संस्थापक अमर तुलस्यान ने बंद पड़े उद्योगों में बिजली के फिक्स्ड चार्ज का मुद्दा उठाया। कहा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। पान मसाला उद्योग भी बंद है। आपदा के बाद केंद्र सरकार जब भी इससे बैन हटाए, यूपी सरकार भी इसे हटा ले। वैसे, एक-दो महीने प्रतिबंध बढ़ा तो कारोबार चौपट हो जाएगा। उद्यमी कहीं और जाने के लिए मजबूर होंगे। डिप्टी सीएम ने कहा कि थूकने से कोरोना फैलने का डर है। इसी कारण पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार उनका ख्याल रखेगी और ऐसा कुछ नहीं करेगी कि उद्योग कहीं शिफ्ट करने पड़ें।


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