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केंद्रीय मंत्री ने किसानों के बीच कहा,बंधन नहीं, आजादी हैं तीनों कृषि कानून

बांदा में चल रहे किसान मेले के समापन पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर उसे उत्तम बनाने का काम कर रहे हैं। तीनों कृषि कानून किसानों के लिए बंधन नहीं आजादी देने वाले हैं।

By Sarash BajpaiEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 08:50 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 08:50 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री ने किसानों के बीच कहा,बंधन नहीं, आजादी हैं तीनों कृषि कानून
किसान मेले में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री ने कहा, बंधन नहीं, आजादी हैं तीनों कृषि कानून

कानपुर, जेएनएन। बांदा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने यहां कहा कि खेती शुरू से ही उत्तम रही है। पिछली सरकारों की उपेक्षा से यह घाटे का सौदा बन गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर उसे उत्तम बनाने का काम कर रहे हैं। तीनों कृषि कानून किसानों के लिए बंधन नहीं, आजादी देने वाले हैं।

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बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय क्षेत्रीय किसान मेले के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि खेती उत्तम श्रेणी, मध्यम में व्यापार और तीसरे नंबर पर नौकरी रही है। अब लोग नौकरी की तरफ ज्यादा भाग रहे हैं। 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने कई किसान हितैषी योजनाएं शुरू कीं। कृषि बढ़ाकर एक लाख 35 हजार करोड़ कर दिया। इसमें 75 हजार करोड़ पीएम किसान निधि के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में पहुंचते हैं। 11 हजार करोड़ किसानों के हेल्थ कार्ड बनाए गए। एमएसपी डेढ़ गुना कर दी गई है। पिछले वर्ष छह करोड़ किसानों के केसीसी बनाए गए, तीन करोड़ अभी और बनने जा रहे हैं। वहीं, देश में 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बन रहे हैं। तीनों कृषि कानून किसानों को व्यापारी भी बनाएंगे। वह अपने उत्पाद का मूल्य खुद तय करेंगे।

कहा कि कांट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर किसानों को विरोधी गुमराह कर रहे हैं। कृषि कानूनों से किसी की भी एक इंच जमीन जाने वाली नहीं है। एग्रीमेंट सिर्फ फसल को लेकर शर्तों के तहत होगा। उत्पाद का मूल्य बिक्री के समय कम होने पर भी करार के मुताबिक कंपनी को तय मूल्य ही देना पड़ेगा। यदि बिक्री के समय मूल्य बढ़ गया तो अधिक मूल्य पर बिक्री करने के लिए किसान स्वतंत्र होगा। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय की ओर से खेती के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा। कुलपति डॉ. यूएस गौतम ने विश्वविद्यालय द्वारा कृषि विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। संचालन जनसंपर्क अधिकारी डॉ. बीके गुप्ता ने किया।

तकनीक अपनाकर बढ़ाना है उत्पादन : लाखन सिंह

प्रदेश सरकार के कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है। इसे पूरा करने के लिए सरकार कई किसान हितैषी योजनाएं चला रही है। कृषि को समृद्ध बनाकर देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने किसानों को जैविक व प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया।

मोटे अनाज में भी दी जा रही एमएसपी : सांसद

बांदा-चित्रकूट सांसद आरके सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि दोनों ही सरकारों के प्रयास से किसानों के हित में काम किया जा रहा है। पूर्व की सरकारों ने गेहूं व धान के अलावा अन्य फसलों में कभी एमएसपी नहीं दी, लेकिन अब मोटे अनाजों में भी एमएसपी लागू की गई है। इससे बुंदेलखंड के किसानों को लाभ मिला है। उन्होंने अपील की कि किसान तकनीक अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाएं।

कृषि विकास में विश्वविद्यालय का सहयोग करेगा नाबार्ड

लखनऊ से आए नाबार्ड के सीजेएम डीएस चौहान ने कहा कि जब तक कृषक, वैज्ञानिक व वित्तीय संस्थाएं एक साथ नहीं आएंगी, कृषि का विकास तेजी से नहीं हो पाएगा। इसलिए तीनों को मिलकर काम करना है। किसान उत्पादक संघ व स्वयं सहायता समूह मिलकर काम करें और खेती को समृद्ध बनाएं। उन्होंने कृषि विकास के लिए विश्वविद्यालय को नाबार्ड की ओर से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।

किसानों को आत्मनिर्भर बना रही सरकार

भाजपा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहे हैं। इनका लाभ सीधे किसानों तक पहुंच रहा है। अब अन्नदाता आत्मनिर्भर हो रहा है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना सरकार का मुख्य लक्ष्य है।  


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