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इटावा में केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने कहा, दासता के प्रतीक और अत्याचार शोषण के कानूनों में होगा बदलाव

केंद्रीय कानून राज्य मंत्री ने कहा कि इसपर सरकार सभी की राय ले रही है। अप्रासंगिक हैं और चले आ रहे हैं उन कानूनों को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस इसदौरान लखना स्थित कालका देवी मंदिर में पूजा अर्चना की।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 06:31 PM (IST)
इटावा में केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने कहा, दासता के प्रतीक और अत्याचार शोषण के कानूनों में होगा बदलाव
इटावा में एसपी बघेल ने पत्रकार वार्ता की।

इटावा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कानून राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा दासता के प्रतीक और अत्याचार शोषण के कानूनों में बदलाव किया जा रहा है। बहुत से ऐसे कानून अब अप्रासंगिक हैं और चले आ रहे हैं, उन कानूनों को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार इसके लिए जनता, अधिवक्ताओं, जजों, रिटायर्ड जजों, संविधान विशेषज्ञों से राय ले रही है। केंद्रीय कानून राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने यह बात गुरुवार रात कस्बा लखना स्थित मां कालका देवी के मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। 

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 उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई एक बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने इच्छा जाहिर की थी कि तमाम ऐसे कानून जो ब्रिटिश शासकों ने हम पर राज करने के लिए बनाए थे। दासता, अत्याचार और शोषण के प्रतीक हैं। कई ऐसे कानून जिन्हें उपनिवेशवाद के लिए बनाया गया था, उनमें बदलाव की जरूरत है। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री व न्यायाधीशों ने भी भाग लिया था। खुशी की बात है कि सरकार ऐसे 1450 कानूनों  को समाप्त कर चुकी है और कई ऐसे कानूनों में और बदलाव किया जा रहा है। इंडियन पैनल कोड (आइपीसी) 1860 का है। इंडियन प्रेसिडेंस 1872 व अमेंडमेंट सीआरपीसी  1973 की है। इनमें बहुत बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत, रामानंद त्रिपाठी, अर्पित पोरवाल, गोलू श्रीवास्तव, पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल मोहन  शर्मा मौजूद रहे।


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