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माखी कांड : दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा को कोर्ट ने दो मामलों में किया बरी Unnao News

जीआरपी थाने में दर्ज ट्रेन लूट कांड और आम्र्स एक्ट में दोषमुक्त करार दिया है।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 02:40 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 02:40 PM (IST)
माखी कांड : दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा को कोर्ट ने दो मामलों में किया बरी Unnao News

उन्नाव, जेएनएन। माखी की दुष्कर्म पीडि़ता के परिवार को इंसाफ मिलने लगा है। अदालत ने पीडि़ता के चाचा को जीआरपी थाने में दर्ज दो मामलों में दोषमुक्त करार दिया है। इन मामलों में वह करीब 20 साल से कोर्ट के चक्कर लगा रहा था। उसके खिलाफ न्यायालय अभिलेखों से छेड़छाड़ का मामला विचाराधीन है वहीं अन्य मामलों में 14 और 15 अक्टूबर की तारीख दी गई है। पेशी के बाद उसे दिल्ली पुलिस तिहाड़ जेल ले गई। इधर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल पर जानलेवा हमला मामले में तीन माह पूर्व हुई दस साल की सजा को लेकर आरोपित ने हाईकोर्ट की शरण ली है।

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दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा पर जीआरपी थाना उन्नाव में दर्ज ट्रेन लूट व माल बरामदगी और आम्र्स एक्ट के दो मामलों पर शनिवार को अंतिम सुनवाई होनी थी। इसके लिए आरोपित को दिल्ली पुलिस तिहाड़ जेल से उन्नाव लाई थी। आरोपित के वकीलों अजेंद्र अवस्थी और अशोक द्विवेदी की दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोनों मामलों में आरोपित को बरी कर दिया। एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में चल रहे तीन अलग-अलग मामलों में कोर्ट ने 14 अक्टूबर की तारीख दी है। वहीं सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन जानलेवा हमले के मामले में उसे 15 अक्टूबर की तारीख दी गई है। अब उसे फिर से दिल्ली से उन्नाव लाया जाएगा।

अवकाश में लगी अदालत, लेकिन अधूरी रह गई जिरह

उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में शनिवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान पीडि़ता की मां से आरोपित पक्ष के वकीलों ने जिरह की, लेकिन एक आरोपित के वकील की गैरमौजूदगी के चलते जिरह पूरी नहीं हो सकी। अब अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी। छुट्टी के बावजूद विशेष तौर पर अदालत लगाई गई थी।

पीडि़ता के पिता के खिलाफ 3 अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और पुलिस हिरासत में अत्यधिक पिटाई के कारण उनकी मौत हो गई थी। बाद में सीबीआइ के पास मामले की जांच आई थी। हिरासत में हत्या और अवैध हथियार रखने के झूठे केस को तीस हजारी अदालत ने जोड़कर आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। इस मामले में विधायक कुलदीप सेंगर और पुलिस कर्मियों सहित कुल 11 आरोपित हैं।


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