Move to Jagran APP

गंगा को निर्मल बनाने के लिए सिर्फ मां ही नहीं बेटी जैसा रखना होगा लगाव : उमा भारती

बिठूर के नानाराव पार्क में हुए गंगा स्वच्छता सम्मेलन में बोलीं, मैनहोल की सफाई करते नहीं जानी चाहिए मजदूर की जान।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 04:13 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:47 AM (IST)
गंगा को निर्मल बनाने के लिए सिर्फ मां ही नहीं बेटी जैसा रखना होगा लगाव : उमा भारती
कानपुर जागरण संवाददाता। केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि नेता हों, अफसर या जनता। गंगा के प्रति आस्था सभी की है लेकिन इससे वह निर्मल नहीं होंगी। इंसान मां के पैर छूकर सम्मान तो देता है लेकिन उसकी बीमारी पर ध्यान नहीं देता। जबकि बेटी की पढ़ाई से लेकर विवाह तक के लिए चिंतित रहता है। गंगा को निर्मल बनाना है तो मां के समान आदर और बेटी जैसा जिम्मेदारी का भाव रखना होगा। वह शनिवार को बिठूर के नानाराव पार्क में हुए गंगा स्वच्छता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने अधिकारियों से कह दिया है कि अब कहीं भी कोई मजदूर मैनहोल की सफाई करते हुए नहीं मरना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो मैं अन्न जल त्याग कर जिम्मेदार को फांसी दिलाऊंगी। उन्होंने कहा कि पांच लाख से अधिक गांव ओडीएफ ही चुके हैं। अब हमें ओडीएफ प्लस की तरफ कदम बढ़ाना है। संकल्प लिया कि गंगा के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं बनी हैं। यह तीन चरणों में पूरी होंगी। तीसरे चरण के बाद गंगा पूरी तरह निर्मल हो जाएंगी। मैं वादा करती हूं कि मंत्री रहूं या न रहूं, तीनों चरण पूरे होंगे।
उन्होंने कहा कि मुझसे संसद में पूछा गया कि गंगा कब साफ हो जाएंगी। मैंने जवाब दे दिया था कि दुनिया के बेस्ट मिनरल वाटर को भी लैब में जांचेंगे तो कोई न कोई कमी जरूर निकलेगी। पहले गंगा में अलग अलग स्थानों पर डॉल्फिन सहित अन्य जलीय जीव पाए जाते थे। हमारी लैब एक्वा लाइफ है। पहले की तरह जलीय जीव नजऱ आने लगेंगे तो मान लेंगे कि गंगा निर्मल हो गईं। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.