UAE की राजकुमारी के मन में अभिमन्यु की इंसानियत से बढ़ा भारत के प्रति मान, Tweet करके कही ये बात
कानपुर में रहने वाले अभिमन्यु गुप्ता के नेक काम की जानकारी के बाद अरब की राजकुमारी ने ट्वीट किया है।
कानपुर, जेएनएन। शहर में अभिमन्यु गुप्ता की इंसानियत के चर्चे देश-विदेश तक हो रहे हैं। उनके एक नेक काम ने संयुक्त अरब अमीरात की राजकुमारी के मन में भारत के प्रति मान और बढ़ा दिया है। राजकुमारी ने ट्वीट करके न केवल अभिमन्यु की तारीफ की है, बल्कि भारतीय मूल्यों की प्रशंसा भी की है।
मुस्लिम महिला को खून देकर बचाया
लॉकडाउन में फर्रुखाबाद के सैनिक परिवार की 55 वर्षीय शहाना बेगम की दोनों किडनियां खराब हैं। डायलिसिस के लिए उनको कानपुर एयर फोर्स हॉस्पिटल कैंट आना था। डायलिसिस से पहले खून की आवश्यकता थी। पति निसार खान व उनके बेटे शैजी खान ने कई लोगों से रक्तदान की मांग की, लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हुई। ऐसे में उन्होंने अपनी स्थिति का हवाला कानपुर कैंट क्षेत्र में रहने वाले उत्तर प्रदेश प्रांतीय व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नेता अभिमन्यु गुप्ता से अपनी तकलीफ बताई।
उन्हें बताया कि कानपुर में जान-पहचान का कोई शख्स खून देने को राजी नहीं है। उनकी बात सुनकर अभिमन्यु इंसानियत के नाते रक्तदान के लिए तैयार हो गए और 27 अप्रैल को उन्होंने खून देकर मुस्लिम महिला की जान बचाई थी। उनके इस नेक काम को समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया था और खबर सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गई थी।
राजकुमारी ने ट्विटर पर लिखी ये बात
संयुक्त अरब अमीरात की राजकुमारी विश्व प्रसिद्ध समाजसेविका हिंड अल कसीमी ने अभिमन्यु के नेक काम की खबर सुनी और पढ़ी तो उन्होंने इसे अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "मुस्लिम महिला मरीज को एक हिंदू ने लॉकडाउन के दौरान ऐसे वक्त में खून दिया। जब उसके रिश्तेदार भी पीछे हट गए थे। उन्होंने कहा कि यही है भारत, जिसके मूल्यों पर विश्वास करके मैं बड़ी हुई हूं।" लाखों फॉलोअर्स वाली अरब राजकुमार का यह ट्वीट खासा लोकप्रिय हो रहा है और इसे लगातार रिट्वीट किया जा रहा है।
इंसानियत के नाते निभाया फर्ज
अभिमन्यु कहते हैं कि जब उन्हें पता चला कि उनके खून देने से किसी की जान बच जाएगी तो इंसानियत के नाते इसे उन्होंने अपना फर्ज समझा। वह कहते हैं कि भारतीय होने के नाते मुझे बेहद गर्व है कि मेरे छोटे-से प्रयास से मेरे देश के प्रति भारतीय मूल्यों का सम्मान बढ़ा है। हम वास्तव में सर्वधर्म समभाव और सौहार्द की गर्वान्भूति के साथ जीते हैं।