Coronavirus : दिल्ली के तब्लीगी मरकज में शामिल हुए लोगों में दो उन्नाव और 11 कन्नौज में मिले
दिल्ली से सूचना मिलने पर रैपिड रेस्पांस टीम ने दोनों को लाकर आइसोलेशन वार्ड में रखा है।
कानपुर, जेएनएन। शासन द्वारा दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले लोगों की तलाश करके आइसोलेट करने के आदेश दिए हैं। इस बीच मरकज में शामिल प्रदेश के लोगों में दो उन्नाव और 11 लोग कन्नौज में मिले हैं। उन्नाव के दोनों व्यक्तियों को जिला अस्पताल में आइसोलेट किया है, वहीं कन्नौज में फिलहाल मस्जिद में क्वारंटाइन करके स्वास्थ्य टीम निगरानी कर रही है।
दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले लोगों में बिना किसी चिकित्सीय जांच के उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाले 157 लोगों की सूची जारी करते शासन ने तलाश तेज कर दी है। उन्नाव सीएमओ को दोपहर बाद सूचना मिली कि जमात में शामिल होने वाले दो लोग कुरसठ थाना आसीवन के रहने वाले हैं। सीएमओ ने प्राप्त पतों पर रैपिड रिस्पांस टीम को रवाना कर दिया। बताए पते पर पहुंची टीम इलियास उर्फ चमन और मोहम्मद ताहिर को उनके घरों से ले आई।
दोनों का प्राथमिक परीक्षण करने के बाद जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया। संक्रामक रोग नियंत्रण विभाग के प्रभारी डॉ. आरएस मिश्र के मुताबिक कि दोनों लोगों का सैंपल लेकर बुधवार को केजीएमयू लखनऊ भेजा जाएगा। दोनों से जानकारी की जा रही है अबतक कौन कौन लोग संपर्क में रहे हैं। उन्नाव के अन्य कौन लोग वहां गए थे। उन्होंने बताया कि दोनों के संपर्क में रहे लोगों को सरस्वती मेडिकल कालेज के क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।
उधर, कन्नौज में भी दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज में शामिल हुए 11 लोग मिले हैं, सभी को मक्का मस्जिद में क्वारंटाइन किया गया है। कन्नौज सीएमओ डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिलने के बाद रैपिड रेस्पांस टीम को शहर की मक्का मस्जिद भेज दिया। जिला अस्पताल से डॉ. रविंद्र कुमार साहू अपनी टीम के साथ पंहुचे और मस्जिद में दिल्ली से वापस आये सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की।
संक्रामक रोग नियंत्रण विभाग के प्रभारी डॉ. कमलचंद्र रॉय के मुताबिक उनसे जानकारी की जा रही है संपर्क में कौन कौन रहा है, कन्नौज के अन्य कौन लोग वहां गए थे। कन्नौज जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि ये लोग 21 मार्च को आए थे, जो मक्का मस्जिद में ठहरे थे। इन्हें सात से दस दिन तक क्वारंटाइन सेंटर में रख निगरानी की जाएगी। इस बीच कुछ लक्षण दिखते हैं तो सैंपल लेकर जांच को भेजा जाएगा।