सीवरभराव से जूझ रहे दो सौ परिवार, अफसर लापरवाह
जागरण संवाददाता कानपुर लापरवाह अफसरों की बेतरतीब व्यवस्था में फंसे दो सौ परिवार गंदे पानी से गुजरकर घरों से दफ्तर या अन्य जगहों तक जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। आलम यह है कि अब तो रिश्तेदार भी घर आने से कतराने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर: लापरवाह अफसरों की बेतरतीब व्यवस्था में फंसे दो सौ परिवार गंदे पानी से गुजरकर घरों से दफ्तर या अन्य जगहों तक जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। आलम यह है कि अब तो रिश्तेदार भी घर आने से कतराने लगे हैं।
मामला अनवरगंज जीटी रोड का है, यहां सीवर लाइन चोक होने से ओवर फ्लो पानी सड़कों पर फैल गया है। इन हालातों में सबसे ज्यादा तकलीफ महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को उठानी पड़ रही है। महीनों से चोक पड़ी इस सीवर लाइन पर अफसरों का कोई ध्यान नहीं है।
अब ये अव्यवस्था होली की खुशियों को भी प्रभावित करेगी। इसे लेकर स्थानीय लोगों में रोष है।
स्थायी समाधान पर ध्यान नहीं
हालात ज्यादा खराब होने पर बीच-बीच में जेटिंग मशीन लगाकर पानी का साफ करा दिया जाता है, लेकिन फिर वहीं स्थिति जस की तस हो जाती है। गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। जनता इसके लिए स्थायी समाधान चाहती है।
बच्चों को गोद में उठाकर ले जाते स्कूल
बच्चों के कपड़े न गंदे हो जाएं इसके लिए अभिभावक गोद में उठाकर स्कूल ले जाते हैं। रिक्शे वाले भी अंदर तक नहीं आते हैं।
सफाई नहीं होने से कई बीमार
जलभराव और सफाई नहीं होने के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। इसके चलते क्षेत्र में बीमारी ने भी पैर पसार लिए हैं।
कारखाने बने सीवर लाइन के लिए मुसीबत
क्षेत्र में कई कारखाने चल रहे है जो लोहे को गलाने और ढलाई का काम करते हैं। इस दौरान निकलने वाली राख को सीधे सीवर लाइन में डाल दिया जाता है। इससे सीवर लाइन चोक हो गई है। शिकायत करने के बाद भी अवैध कारखानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
जनता का दर्द
गंदगी के बीच रहना मजबूरी हो गई है। शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया है। - विकास शुक्ला
क्षेत्र में लोग बीमार हो रहे हैं। सीवर भराव के कारण बुजुर्गो व बच्चों का घरों से निकलना बंद हो गया है। - किरन
गंदगी व दुर्गंध के कारण जीना दुश्वार हो गया। होली भी इसी गंदगी के बीच मनानी पड़ेगी। - अशोक कुमार
सीवर भराव में कई बार बच्चे व बुजुर्ग गिरकर चोटिल हो चुके हैं। शहर के बीचोबीच होने के बाद भी उनकी कोई नहीं सुनता है। - विकास कुमार।
सीवर लाइन बदलने को प्रस्ताव
सीवर लाइन बदलने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। दो लाख रुपये से चालीस मीटर सीवर लाइन बदलने का प्रस्ताव जलकल ने बनाया है लेकिन, अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। अब चुनाव आचार संहिता के बाद ही काम शुरू हो पाएगा।
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सीवर लाइन की सफाई कराई गई है। हाते की सीवर लाइन चोक है। इसको बदलने का प्रस्ताव तैयार करके अफसरों को दे दिया है। आचार संहिता के बाद बदल दिया जाएगा।
- एके राजपूत, अधिशासी अभियंता, जलकल