चकेरी से सेंट्रल स्टेशन तक खतरे में सफर
दैनिक जागरण ने रविवार को इस रेल खंड की पड़ताल की तो सेंट्रल स्टेशन से शिवनारायण टंडन सेतु तक करीब ढाई से तीन किमी क्षेत्र में दीवार खड़ी मिली। बाकी ट्रैक खाली है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से चकेरी तक रेल खंड के दोनों ओर दीवार खड़ी करने के प्रस्ताव पर रविवार को दैनिक जागरण ने पड़ताल की। पहले से बनी दीवार कई स्थानों पर टूटी मिली तो रेल खंड में अवारा पालतू जानवरों का आतंक भी देखने को मिला। दीवार मात्र शिव नारायण टंडन सेतु तक बनी है बाकी चकेरी तक खाली है।
उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम अमिताभ कुमार ने शनिवार को विंडो इंस्पेक्शन के दौरान चकेरी से सेंट्रल स्टेशन तक रेल ट्रैक के दोनों ओर जानवरों का भारी जमावड़ा देखा था। उन्होंने ट्रेनों की सुरक्षा को देखते हुए पूरे खंड में दीवार खड़ी करने या बैरीकेडिंग कराने का निर्देश दिया है। दैनिक जागरण ने रविवार को इस रेल खंड की पड़ताल की तो सेंट्रल स्टेशन से शिवनारायण टंडन सेतु तक करीब ढाई से तीन किमी क्षेत्र में दीवार खड़ी मिली। बाकी ट्रैक खाली है। इतनी ही दूरी में दीवार छह स्थानों पर टूटी मिली। स्थानीय लोगों ने बताया कि रेलवे ने रेल ट्रैक के दोनों ओर दीवार खड़ी कर दी। दूसरी ओर जाने के लिए कोई विकल्प नहीं है, इसीलिए दीवार तोड़ देते हैं। रेलवे को विकल्प देना होगा। इसका सबसे बड़ा उदाहरण शिव नारायण टंडन सेतु है, जिसके इसके नीचे पैदल यात्रियों को निकलने के लिए दीवार तोड़ी गई है। वहीं पैराशूट फैक्ट्री की ओर ट्रैक पर दीवार नहीं हैं, जबकि यह क्षेत्र सर्वाधिक जानवरों से प्रभावित हैं। यहां पालतू दुधारू जानवर बहुतायत में हैं। दिन भर यहां जानवरों का जमावड़ा बना रहता है। इसके बाद चकेरी तक रेल ट्रैक दोनों ओर खुला है। तीन साल पहले हुई थी बड़ी वारदात
स्थानीय लोगों ने बताया कि पैराशूट फैक्ट्री के पास तीन साल पहले एक साथ नौ गाय कटने की घटना सामने आई थी। तब दोनों ट्रैक पर गाड़ियां आने से गायें बीच में फंस गई थी। स्टेशन डायरेक्टर डॉ. जीतेंद्र कुमार का कहना है कि कहां दीवार बननी है और कहां टूटी है। इसका सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। बस्तियों के सामने टूटी दीवार बनेगी। इसे तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।