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अफसरों को पसीना छुड़ा रहे रिटर्न न भरने वाले

जीएसटी में रिटर्न न दाखिल करने वाले कारोबारी अफसरों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। चार माह से एक जैसे आंकड़े अधिकारियों के सामने आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 01:35 AM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 01:35 AM (IST)
अफसरों को पसीना छुड़ा रहे रिटर्न न भरने वाले
अफसरों को पसीना छुड़ा रहे रिटर्न न भरने वाले

जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसटी में रिटर्न न दाखिल करने वाले कारोबारी अफसरों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। चार माह से एक जैसे आंकड़े अधिकारियों के सामने आ रहे हैं। हर माह समीक्षा बैठक में मुख्यालय स्तर से इस पर नाराजगी जताई जा रही है, लेकिन परिणाम नहीं निकल रहे।

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वैट से माइग्रेट होकर जीएसटी में आए और नया पंजीयन कराने वाले कारोबारी जीएसटी में रिटर्न दाखिल करने में खासी लापरवाही बरत रहे हैं। पिछले चार माह से लगातार इसमें सुधार नहीं हो रहा है। मई में पूरे प्रदेश में 1,17,776 कारोबारियों ने रिटर्न फाइल नहीं किया था। इसके बाद से अधिकारी इस पर कोई काम नहीं कर सके और यह संख्या लगातार बनी रही। इसमें से 74,463 कारोबारियों को नोटिस भी जारी की गईं। चार माह तक यही स्थिति रहने पर वाणिज्य कर अधिकारियों ने समीक्षा की तो पाया कि नोटिस तो करीब 70 फीसद कारोबारियों को जारी की गई, लेकिन उसमें से भी केवल 484 के मामले डिस्पोज किए गए। यह स्थिति आधा फीसद के आसपास भी नहीं है।

कानपुर नगर में रिटर्न न दाखिल करने वालों की स्थिति फिर भी पूरे प्रदेश के मुकाबले कम है। जोन प्रथम में करीब 32 हजार कारोबारी पंजीकृत हैं। इसमें करीब 19 फीसद नॉन फाइलर हैं। 81 फीसद रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। जोन दो में करीब 40 हजार कारोबारियों में रिटर्न न दाखिल करने वालों की संख्या करीब 15 फीसद है।

रिटर्न दाखिल न करने वालों के आंकड़ों से नाराज वाणिज्य कर मुख्यालय के अधिकारियों ने साफ कहा कि अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षणीय अधिकारी ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं। उन्होंने रिटर्न की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए हैं।


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