GSVM में एमसीआइ के निरीक्षण के बाद मेडिसिन की पीजी सीटें बढऩे पर क्यों बना संशय
जीएसवीएम के मेडिसिन विभाग के निरीक्षण में एमसीआइ को प्रोफेसरों की कमी मिली है।
कानपुर, जेएनएन। बेहतर व्यवस्थाओं का दावा कर मेडिसिन विभाग में स्नातकोत्तर (पीजी) की 30 सीटें बढ़ाने की आस लगाए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को मानक के अनुरूप फैकल्टी ही नहीं मिली। ऐसे में 30 पीजी सीटें बढऩे पर संशय लग रहा है।
एलएलआर अस्पताल (हैलट) परिसर स्थित मेडिसिन विभाग में शुक्रवार सुबह नौ बजे बतौर एमसीआइ निरीक्षक वडोदरा मेडिकल कॉलेज की प्रो. मीनल शास्त्री अचानक पहुंचीं। वहां विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरी, प्रो. जेएस कुशवाहा एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रेम सिंह के साथ सीधे मेडिसिन ओपीडी का जायजा लेने चल दीं। उनके आने की खबर पर डॉक्टर दौड़ते हुए ओपीडी पहुंचे। सुबह 9.30 बजे तक ओपीडी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. समीर गोविल नहीं पहुंच सकते थे, एक कर्मचारी भी अनुपस्थित था। हालांकि कुछ देर में डॉ. गोविल आ गए।
ओपीडी के बाद निरीक्षक आइसीयू एवं फिर वार्ड में भर्ती मरीजों से भी मिलीं। फिर विभाग पहुंच इंडोस्कोपी कक्ष देखा। सेमिनार हॉल गईं, जहां प्रो. शास्त्री ने यूजी (एमबीबीएस) एवं पीजी (एमडी) छात्रों के बीच हॉल होने पर सवाल किए कि ऐसे में यूजी और पीजी छात्रों की क्लॉस कैसे होती हैं। विभागाध्यक्ष ने उनके तर्कों का जवाब दिया। सुविधाएं-संसाधन का जायजा लेने के बाद निरीक्षक मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य से मिलने गईं।
प्रोफेसर नहीं, फैकल्टी भी कम
कागजातों की जांच में प्रो. शास्त्री को सीटों के हिसाब से फैकल्टी नहीं मिली। बोलीं, जब प्रमोशन नहीं तो प्रोफेसर का दावा बेकार है। दो प्रोफसर हैं, प्राचार्य समेत तीन हो गए। फिर भी फैकल्टी की कमी है।
देर शाम तक तैयार करते रहे कागजात
देर शाम तक एमसीआइ के फार्मेट के अनुसार फैकल्टी, सुविधाएं एवं संसाधन के कागजात तैयार किए जाते रहे। कागजात तैयार करने के बाद एमसीआइ की इंस्पेक्टर को मुहैया कराए गए।
--एमसीआइ की टीम ने प्राचार्य समेत तीन प्रोफेसर को ही माना है। नौ एसोसिएट प्रोफसर भी हैं। एमसीआइ की टीम को निरीक्षण में कोई खामी नहीं मिली है। अब उनकी रिपोर्ट आधार पर ही सीटें बढऩे पर निर्णय होगा। - प्रो. रिचा गिरी, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।