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जिंदगी के तारों में उलझी इस तारबाबू की कहानी, कुछ ऐसे पड़ी मुफलिसी की मार Kanpur News

किसी तरह परिवार का जीवन यापन कर रहे तारबाबू की ठिकाने को चोरों ने बनाया निशाना।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 01:45 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 04:29 PM (IST)
जिंदगी के तारों में उलझी इस तारबाबू की कहानी, कुछ ऐसे पड़ी मुफलिसी की मार Kanpur News
जिंदगी के तारों में उलझी इस तारबाबू की कहानी, कुछ ऐसे पड़ी मुफलिसी की मार Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। जिंदगी क्या किसी मुफलिस की कबा है जिसमें हर घड़ी दर्द के पैबंद लगे जाते हैं...। मशहूर शायर फैज अहमद फैज की यह पंक्तियां भीतरगांव विकास खंड के गांव साढ़ के मजरा महनीपुर निवासी तारबाबू पर सटीक बैठती हैं। जिंदगी के तारों में उलझे तारबाबू को फिर एक बार मुफसिली ने अपनी बेरहम मार का शिकार बनाया है। उसके लिए सिस्टम ने बेहयाई दिखाई तो मानसून के आखिरी दौर की बारिश ने उसकी झोपड़ी भी छीन ली, रही बची कसर चोरों ने पूरी कर दी। खेत में पड़े मिले गृहस्थी में बचा टूटा बक्सा और कपड़े देख उसकी आंखों के सामने अंधेरा छाना लाजिमी है।

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जानें, कौन है ये तारबाबू

भीतरगांव विकास खंड की ग्राम पंचायत साढ़ के मजरा महनीपुर में तारबाबू पत्नी सीमा, 8 वर्षीय पुत्र हर्षित, 6 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी व 3 वर्षीय गुडिय़ा के साथ फूस के एक झोपड़े में जीवनयापन करता था। ग्राम प्रधान राजेश पाल के मुताबिक 10 विस्वा ऊसर भूमि के स्वामी तारबाबू का नाम 2011 की सामाजिक आर्थिक गणना वाली सूची मे भी है। बावजूद इसके उसे आज तक आवास, शौचालय, सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, रसोई गैस जैसी सुविधाओं का लाभ क्यों नही मिला, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

जब आत्महत्या के लिए बढ़ाए कदम

13 जुलाई को आत्महत्या के इरादे से रस्सी खरीद पेड़ के समीप पहुंचे तारबाबू को समझाकर ग्रामीण वापस लाए तो उसकी गुरबत और सरकारी इमदाद न मिलने को लेकर सवाल उठने शुरू हुए। तंत्र के तार तो हिले और एसडीएम नर्वल ने उसे दफ्तर में बुलाकर मदद का भरोसा भी दिया था और कुछ समाजसेवियों ने भी नकद मदद दी। इसके बाद फिर सबकुछ जस का तस ठहर गया।

बारिश ने उजाड़ दिया था आशियाना

18 सिंतबर की रात हुई जोरदार बारिश में तारबाबू की झोपड़ी ने भी साथ छोड़ दिया था। आशियाना उजडऩे पर वह पड़ोसी की दीवार के सहारे शेड लगा कर पत्नी व बच्चों के साथ जीवन यापन कर रहा था। शुक्रवार रात तारबाबू व परिजनों को नींद में देख चोर उसकी गृहस्थी का एकमात्र बक्सा व कपड़े भी उठा ले गए। सुबह जागने पर तारबाबू व परिजनों को टूटा बक्सा व कपड़े खेत की मेड़ किनारे पड़े मिले।

साढ़ चौकी पहुंचे तारबाबू ने पुलिस को बताया कि चोर बक्से में रखे 15 हजार रुपये, पत्नी सीमा की नाक की सोने की कील व अंगूठी, बर्तन आदि उठा ले गए हैं। परिवार के लिए भोजन पकाने के भी लाले हैं। चौकी प्रभारी अशोक वर्मा कहते हैं कि चोरों की तलाश कराई जा रही है।


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