Move to Jagran APP

इस स्कूल की दीवारें भी पढ़ाती हैं

परिषदीय विद्यालयों में बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने के लिए ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाने के साथ ही स्कूल का परिवेश भी बेहतर होना जरूरी है। तभी कांवेंट स्कूलों के साथ कदमताल करके चला जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 09:29 AM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 09:29 AM (IST)
इस स्कूल की दीवारें भी पढ़ाती हैं
इस स्कूल की दीवारें भी पढ़ाती हैं

जागरण संवाददाता, कानपुर : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने के लिए ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाने के साथ ही स्कूल का परिवेश भी बेहतर होना जरूरी है। तभी कांवेंट स्कूलों के साथ कदमताल करके चला जा सकता है। कुछ ऐसा ही चमनगंज के प्राथमिक विद्यालय में हो रहा है। यहां बच्चों को विषय तो शिक्षक पढ़ाते हैं पर देश और दुनिया की हर घटना से अपडेट स्कूल की दीवारें करती हैं। जब भी बड़ी घटना होती है, किसी देश का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बदलता है तो यहां की दीवार पर उसका नाम अंकित कर दिया जाता है।

loksabha election banner

चमनगंज में हुमायूं पार्क के पास इस विद्यालय में राष्ट्रगान, राष्ट्राध्यक्षों, प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित हैं। वहीं संविधान के मूल कर्तव्य, ट्रैफिक नियमों की जानकारी के अलावा प्रदूषण की रोकथाम, हमारे कर्तव्य, मां बाप से कैसे व्यवहार करें, गरीब की मदद करने से लाभ जैसी जानकारियां भी लिखी हुई हैं जो बच्चों में संस्कार भर रही हैं। बच्चों को हर रोज ताजा घटना से अवगत कराया जाता है। इस विद्यालय में 136 छात्र हैं।

3000 रुपये वेतन से खर्च करते

स्कूल के प्रधानाध्यापक मास्टर मोहम्मद शाहिद बताते हैं कि विद्यालय को बेहतर बनाने के लिए अपने वेतन से प्रतिमाह 3000 रुपये खर्च करते हैं। बच्चों के लिए कापी, बेंच, फर्नीचर आदि खुद बनवाते हैं। यदि बच्चा तीन दिन स्कूल नहीं आता तो वह उसके घर खुद जाते हैं। उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल 2018 को जिलाधिकारी ने उन्हें शिक्षा गृह योजना के अंतर्गत आदर्श शिक्षक सम्मान भी दिया।

-------------

किस कक्षा में कितने छात्र

ø कक्षा एक में 47

ø कक्षा दो में 33

ø कक्षा तीन में 17

ø कक्षा चार में 23

ø कक्षा पांच में 16

-------------

विद्यालय में नहीं है बिजली

1936 से चल रहा ये स्कूल बल्लियों पर टिका है। विद्यालय में बिजली नहीं है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि मोहल्ले के लोग बच्चों को पानी देते हैं। शौचालय भी नहीं है। बीएसए को कई बार अवगत करा चुके हैं पर समाधान नहीं हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.