Move to Jagran APP

डेंगू के बढ़ते केसों की धमक शासन तक पहुंची

संयुक्त निदेशक मलेरिया और वरिष्ठ प्रयोगशाला प्राविधिक ने किया निरीक्षण, टीम ने उर्सला और मेडिकल कॉलेज की लैब की रिपोर्टिग जानी

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 01:44 AM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 01:44 AM (IST)
डेंगू के बढ़ते केसों की धमक शासन तक पहुंची

जागरण संवाददाता, कानपुर : जिले में बढ़ते डेंगू के केसों की हकीकत जानने के लिए बुधवार को लखनऊ से संयुक्त निदेशक (जेडी), मलेरिया और वरिष्ठ प्रयोगशाला प्राविधिक शहर पहुंचे। दोनों ने उर्सला की एसएसएच लैब और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की लैब का जायजा लेने के साथ डेंगू की रिपोर्टिग का तरीका भी जाना।

loksabha election banner

जेडी, मलेरिया डॉ. अवधेश यादव लखनऊ से सीधे रामादेवी स्थित सीएमओ कार्यालय आए। उन्होंने सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला से विचार-विमर्श के बाद मलेरिया इकाई की डीएमओ यूनिट व फाइलेरिया क्लीनिक देखी। इसके बाद वह उर्सला अस्पताल पहुंचे, जहां डिप्टी सीएमओ डॉ. आरएन सिंह अवकाश पर होने से निरीक्षण के लिए सहायक मलेरिया अधिकारी एलके पांडेय की ड्यूटी लगाई गई। हालांकि वे भी मौके पर नहीं आए।

ऐसे में लखनऊ के अधिकारियों के साथ जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. देव सिंह गए। इस दौरान उर्सला में एलाइजा रीडर मशीन बंद होने पर पैथालॉजी प्रभारी डॉ. एससी वर्मा ने बताया कि मशीन दस साल से खराब है। जिससे निजी लैब से डेंगू जांच हो रही हैं। इसके बाद टीम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की लैब पहुंची, जहां डेंगू रिपोर्टिग की पूरी प्रक्रिया जानी। इसके बाद उन्होंने अपर निदेशक डॉ. आरपी यादव से बात की, साथ ही डेंगू के रोकथाम के लिए मिलकर कारगर उपाए करने की बात कही।

जच्चा-बच्चा अस्पताल की पैथालॉजी में कई जांचें ठप

जागरण संवाददाता, कानपुर : अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल की पैथालॉजी में कई जांचें नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में गर्भवती एवं प्रसूताओं को बाहर महंगी जांच करानी पड़ रही है।

जच्चा-बच्चा अस्पताल की पैथालॉजी में जननी सुरक्षा योजना के तहत सभी जांचें निश्शुल्क होती हैं। ऐसे में रीएजेंट (एक प्रकार का केमिकल) नहीं होने से कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी), लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी), और किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी) जांच नहीं हो पा रही है। जांच के लिए गर्भवती महिलाएं जाती हैं तो उन्हें एलएलआर अस्पताल (हैलट) भेज दिया जाता है।

कई बार भेजा पत्र, नहीं हुई व्यवस्था

रीएजेंट खत्म होने से पहले कई बार पत्र भेजा गया। बावजूद इसके किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में जांचें पूरी तरह ठप हो गई। बोले जिम्मेदार

रीएजेंट खत्म होने की जानकारी मिली है, गुरुवार को व्यवस्था कराएंगे, ताकि गर्भवती महिलाओं को दिक्कत न होने पाए। साथ ही जिम्मेदारों से सूचना न देने के लिए स्पष्टीकरण भी तलब करेंगे।

- डॉ. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर एवं संबद्ध चिकित्सालय।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.