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टेलीकॉम कंपनियों के सिम डीलरों पर भी शिकंजा

जागरण संवाददाता, कानपुर : साइबर ठगों को लोगों के फिंगरप्रिंट और आधार की कॉपी देने वाले सिम

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Mar 2018 05:42 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 05:42 PM (IST)
टेलीकॉम कंपनियों के सिम डीलरों पर भी शिकंजा

जागरण संवाददाता, कानपुर : साइबर ठगों को लोगों के फिंगरप्रिंट और आधार की कॉपी देने वाले सिम विक्रेताओं की तलाश में जुटी पुलिस ने अब टेलीकॉम कंपनियों के सिम डीलरों पर भी शिंकजा कसना शुरू कर दिया है। टेलीकॉम कंपनियों के अफसरों को पत्र भेजकर डीलरों व विक्रेताओं का ब्योरा मांगा गया है। प्री-एक्टिवेट सिम देने के मामले में उनके खिलाफ मुकदमा लिखने की तैयारी है।

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साइबर ठगी के मास्टरमाइंड कैंट के शांतिनगर निवासी मंसार खान व उसके साथी नफीस को गिरफ्तार कर गुरुवार को एसएसपी की क्राइम ब्रांच व स्वरूपनगर पुलिस ने लोगों के बैंक खातों से रकम निकालने के खेल का खुलासा किया था। यह खेल डेढ़ साल से चल रहा था। शातिरों पास से दूसरों के आधार की कॉपी और बायोमीट्रिक हासिल करके जुटाए गए सैकड़ों प्री एक्टिवेट सिम, थंब इंप्रेशन की रबर स्टैंप, स्कैनर शीट आदि बरामद हुए थे। आरोपितों ने बताया था कि कैनोपी लगाकर सिम बेचने वाले ही उन्हें लोगों के आधार का डाटा व प्री-एक्टिवेट सिम देते थे। वे यूएसएसडी कोड डायल करके लोगों के खातों से लाखों रुपये निकाल रहे थे। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर कई सिम विक्रेताओं की तलाश में दबिश भी दी, लेकिन कोई हाथ नहीं आया। इस बीच पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों के लोकल अफसरों को नोटिस भेजकर सिम कार्ड डीलर व विक्रेताओं के नाम पते की सूची मांगी है। पुलिस ने खासतौर से दो प्रमुख कंपनियों के विक्रेताओं को टारगेट किया है, जिनके सिम कार्ड सबसे ज्यादा मिले।

पुरानी घटनाओं के तार भी मंसार से जुड़े

स्वरूपनगर में महिला के खाते से रकम निकालने के मामले का खुलासा होने के साथ ही पुलिस ने काकोरी, ग्वालटोली, कोहना आदि क्षेत्रों में हुई पुरानी घटनाओ की भी पड़ताल शुरू की है। इनके तार भी मंसार के गिरोह से जुड़े पाए जा रहे हैं। लिहाजा जल्द ही पुलिस मंसार को रिमांड पर भी लेगी।

दिल्ली निकल गई प्रेमिका व उसके परिजन

प्रेमिका व उसके परिवार के खातों में मंसार ने दूसरों के खाते से रकम निकालकर 14 लाख रुपये जमा किए थे। गुरुवार रात ही मकान में ताला डालकर प्रेमिका परिवार समेत दिल्ली निकल गई। पुलिस पूछताछ के लिए रेलबाजार पहुंची तो पड़ोसियों ने यह जानकारी दी। पुलिस अब उस युवती की भी तलाश में जुटी है।

टारगेट पूरा करने के लिए जारी किए सिम

पुलिस के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां अपने सिम विक्रेताओं को टारगेट देती हैं। लिहाजा सिमकार्ड लेने आने वालों का आधार व बायोमीट्रिक लेकर विक्रेता एक से ज्यादा सिमकार्ड जारी करा लेते थे। इन सिमकार्ड का इस्तेमाल लोगों के खातों से रकम निकालने में किया जा रहा था।

शातिरों पर लगेगा गैंगस्टर, जब्त होगी संपत्ति

मंसार व उसके साथी नफीस के खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऑनलाइन ठगी के जरिए कमाई गई पूरी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया कि जल्द ही मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इसके बाद गैंगस्टर की कार्रवाई होगी।

अफसरों ने बंद कराया यूएसएसडी कोड

कानपुर : जिस यूएसएसडी (अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा) का इस्तेमाल करके मंसार और उसके साथी आधार कार्ड से खातों की जानकारी जुटा रहे थे। उसे सरकार की ओर से फिलहाल बंद कर दिया गया है। पुलिस अफसरों ने बताया, आधार का इस्तेमाल करके खातों से रकम निकलने की लगातार घटनाएं सामने आने के बाद संभवत: सिक्योरिटी फीचर्स में बदलाव किया जा रहा है।


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