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अफसरों को नहीं आई ईश्वरीगंज गांव की याद

यह विडम्बना ही है कि जिस ईश्वरीगंज गांव से देशभर में स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत हुई थी वहां ही स्वच्छता नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 02:10 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 02:10 AM (IST)
अफसरों को नहीं आई ईश्वरीगंज गांव की याद
अफसरों को नहीं आई ईश्वरीगंज गांव की याद

जागरण संवाददाता, कानपुर : यह विडम्बना ही है कि जिस ईश्वरीगंज गांव से देशभर में स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ हुआ था। आज वहां सफाई तक नहीं होती। जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर स्थित इस गांव में पहुंचकर खुद राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने अभियान शुरू किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की नींव रखी थी। तकरीबन चार साल बीतने को हैं, लेकिन प्लांट आज तक अधूरा है। राष्ट्रपति एक बार फिर कानपुर आ रहे हैं, लेकिन अफसरों को गांव की याद नहीं आई है।

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स्वच्छता ही सेवा अभियान के शुभारंभ के लिए ईश्वरीगंज गांव को इसलिए चुना गया था क्योंकि उस समय यह जिले का पहला खुले में शौच मुक्त गांव था। मात्र 90 दिन में ही इस गांव के हर घर में शौचालय बन गए थे। उस समय अफसरों ने बड़े-बड़े दावे किए थे। गांव को मॉडल बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन ये दावे कभी पूरे नहीं हुए, क्योंकि राष्ट्रपति के जाने के बाद इस गांव का न तो कभी डीएम ने निरीक्षण किया और न ही मंडलायुक्त ने। गांव का स्कूल तो माडल बन गया, लेकिन गांव माडल नहीं बना। गांव के बाहर कूड़ा निस्तारण प्लांट की स्थापना का कार्य शुरू हुआ। दीवार बनाकर उस पर टिनशेड रख दिया गया, लेकिन कूड़े का निस्तारण शुरू न हो सका। गांव में सफाईकर्मी भी कभी कभार ही आते हैं। नालियों में गंदगी है।

यह थी कूड़ा निस्तारण की योजना

गीला और सूखा कूड़ा अलग करना था और फिर खाद बनाई जानी थी। प्लास्टिक, लोहा, बोतल आदि को अगल कर उसे बाजार में बेचना था। लागत 19 लाख रुपये थी, 12 लाख खर्च हो चुके हैं, लेकिन शेष सात लाख रुपये जारी ही नहीं हुए।

स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल

स्वास्थ्य उपकेंद्र गांव में बना है, लेकिन एएनएम कभी-कभी ही आती हैं, वह केंद्र में नहीं बैठतीं, क्योंकि यह जर्जर हो गया है। इसकी छत कभी भी ढह सकती है।

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गांव में विकास कार्य खूब हुआ है। रही बात कूड़ा निस्तारण प्लांट की तो जल्द ही वह भी शुरू हो जाएगा। सफाईकर्मी अगर गांव में नहीं आता है तो कार्रवाई होगी।

-कमल किशोर, डीपीआरओ


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