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पल भर में आइपीएस से छिन गया पूरा परिवार

सोमवार रात ट्रक की टक्कर से कार सवार पिता, मां, बहन समेत पांच की चली गई थी जान, अकेले रह गए आइपीएस डॉ. अरविंद, दो साल पहले बड़ी बहन की बीमारी से हो गई थी मौत

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 01:44 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 01:44 AM (IST)
पल भर में आइपीएस से छिन गया पूरा परिवार
पल भर में आइपीएस से छिन गया पूरा परिवार

जागरण संवाददाता, कानपुर : इससे बड़ा गम और क्या हो सकता है? पांच साल पहले बीमारी के चलते बड़ी बहन को खोने के बाद सोमवार रात पिता का साया व मां का आंचल छिन गया तो कलाई पर राखी बांधने वाली इकलौती बहन भी दुनिया से चली गई। कानपुर-सागर राजमार्ग पर घाटमपुर में हुए दर्दनाक हादसे में पश्चिम बंगाल के हावड़ा में तैनात एसीपी डॉ. अरविंद आनंद का पूरा परिवार खत्म हो गया। मंगलवार सुबह जब वह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तो अपनों के शव देख बेसुध से हो गए। जिले के अधिकारी व उनके रिश्तेदार संभालने की कोशिश करते रहे।

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मूलरूप से ललितपुर के रहने वाले आइपीएस डॉ. अरविंद आनंद के 58 वर्षीय पिता दिनेश रजक छतरपुर आकाशवाणी में कार्यक्रम अधिकारी थे। छतरपुर में तैनाती के दौरान सिविल लाइंस स्थिति बजरंग नगर कॉलोनी में घर बनवा लिया था। रिश्तेदार अशोक श्रीवास ने बताया कि 17 फरवरी को बरेली में आइपीएस की मौसी कुसुम की बेटी पूजा की शादी थी। विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 14 फरवरी को दिनेश परिवार व रिश्तेदारों के साथ तीन कारों से गए थे। बाकी रिश्तेदार सोमवार सुबह 11 बजे गाड़ियों से छतरपुर के लिए चले, जबकि दिनेश, पत्नी रजनी, बेटी अंकिता, साले रामस्वरूप श्रीवास व चालक देवेंद्र अहिरवार के साथ दोपहर करीब एक बजे निकले। रात साढ़े आठ बजे घाटमपुर में तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार को रौंद दिया। पुलिस ने कार की बॉडी काटकर शवों को बाहर निकाला। हादसे के वक्त अशोक श्रीवास परिवार के साथ हमीरपुर तक पहुंच गए थे। सूचना पर वह तत्काल लौट पड़े। उधर, सुबह आइपीएस डॉ. अरविंद आनंद हावड़ा से लखनऊ पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनके बैचमेट आइपीएस अभिषेक वर्मा ने रिसीव किया। इसके बाद वह कानपुर आए। पोस्टमार्टम हाउस पर कई पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। शहर में तैनात उनके बैचमेट एएसपी आदित्य लांग्हे ने बताया कि सुबह जल्दी पोस्टमार्टम करा शवों को छतरपुर भेजा गया है।

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बड़ी बहन के निधन से टूट गया था परिवार

रिश्तेदारों ने बताया कि दिनेश रजक की बड़ी बेटी अंजली आनंद का पांच साल पहले बीमारी से निधन हो गया था। पूरा परिवार इस घटना से टूट गया था। परिवार धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहा था। दिनेश हर साल अंजली की बरसी मनाते थे, लेकिन अचानक हादसा हो गया।

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रजक समाज के मीडिया प्रभारी थे रामस्वरूप

हादसे में मृत रामस्वरूप छतरपुर के समनीगर मोहल्ले में रहते थे। वह रजक समाज के मीडिया प्रभारी थे। सोमवार रात हादसे की सूचना मिलने पर उनकी मां, गर्भवती पत्नी व मासूम बेटा फफक पड़े। परिजनों ने बताया कि रामस्वरूप व चालक देवेंद्र अपने परिवारों के मुखिया थे।

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आइपीएस बेटे की शादी का ख्वाब ले दुनिया से हुए विदा

दिनेश रजक बेटे डॉ. अरविंद आनंद की शादी के बारे में सोच रहे थे। उन्होंने एक जगह रिश्ता भी देख लिया था। चार माह बाद शादी करने की तैयारी थी। ममेरे भाई योगेंद्र ने बताया कि पूरा परिवार इस शादी के इंतजार में था। सब सोच रहे थे कि बहू आने से अंजली की कमी पूरी हो जाएगी।

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अफसर बनना चाहती थी अंकिता

हादसे में मृत 24 वर्षीय अंकिता ने पिछले साल बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी। आइपीएस भाई से प्रेरित होकर वह भी अधिकारी बनना चाहती थी। रिश्तेदारों ने बताया कि वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी। उम्मीद थी कि भाई की तरह अंकिता भी पहले ही प्रयास में सफल होगी।

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कार के अंदर कुचल गए थे चार शव

पोस्टमार्टम हाउस के डॉक्टर भी शवों की हालत देख हैरान रह गए। उन्होंने बताया कि दिनेश रजक को छोड़कर अन्य चारों शव बुरी तरह कुचले हुए थे। शरीर की हड्डियां टूट गई थीं तो अत्यधिक रक्तस्राव हुआ।

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आइजी और एसएसपी ने बंधाया ढांढस

पोस्टमार्टम हाउस में आइजी आलोक सिंह, एसएसपी अनंत देव तिवारी, एसपी पश्चिम संजीव सुमन, बैचमेट अधिकारी अविनाश पांडेय, आदित्य लांग्हे और बरेली, छतरपुर व ललितपुर से तमाम रिश्तेदार भी पहुंचे। सभी अरविंद व परिजनों को ढांढस बंधाते रहे।


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