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डिग्री का बोझ पड़ा तो बैठ गया विश्वविद्यालय का तंत्र

जागरण संवाददाता, कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) पर डिग्री देने का भार

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 01:41 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 01:45 AM (IST)
डिग्री का बोझ पड़ा तो बैठ गया विश्वविद्यालय का तंत्र

जागरण संवाददाता, कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) पर डिग्री देने का भार पड़ते ही उसके प्रशासन का तंत्र धड़ाम हो गया। तीन हजार से अधिक छात्र छात्राओं को एक साथ देख अधिकारियों के होश उड़ गए। कई छात्रों की डिग्री तैयार नहीं थी, जबकि कइयों का वेरीफिकेशन तक नहीं हुआ था। इसपर छात्र-छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस के आने के बाद भी नहीं माने तो कुछ लोगों को डिग्री किसी तरह तैयार करके देर रात दी गई बाकी लोगों को बुधवार को बुलाया गया है।

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इस विश्वविद्यालय से 14 शहरों के डिग्री कॉलेज संबद्ध हैं। पहले अधिकतम दो से ढाई सौ डिग्री बनती थी। अचानक इतनी संख्या होने से परेशानी खड़ी हो गई। सोमवार को फर्रुखाबाद, कन्नौज, औरैया, इटावा, लखीमपुर आदि जिलों से करीब तीन हजार छात्र छात्राएं एक साथ डिग्री लेने पहुंच गए। अधिकांश की डिग्री तैयार नहीं थी। सुबह 10 बजे पहुंचे तो उन्हें डिग्री देने के बजाय एक काउंटर से दूसरे पर टहलाया जाता रहा। शाम करीब चार बजे डिग्री नहीं मिली तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और वे हंगामा करने लगे। प्रशासनिक भवन के बाहर उनकी इतनी संख्या देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बुला ली। पुलिस के आने के बाद भी छात्र छात्राएं शांत नहीं हुए। इसके बाद विश्वविद्यालय ने जो बनी थी या जो तुरंत तैयार की जा सकती थीं उन डिग्रियों को बांटना शुरू कर दिया।

रोक ली वित्त अधिकारी की गाड़ी :

शाम तक जिन छात्रों को डिग्री नहीं मिली, उन्होंने वित्त अधिकारी की गाड़ी रोक ली। गाड़ी में वित्त अधिकारी तो नहीं थे लेकिन उनके चालक को गाड़ी छोड़कर पैदल जाना पड़ा। कुलसचिव को भी गाड़ी छोड़कर पैदल ही शासन के साथ होने वाली वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए अपने कार्यालय से निकलना पड़ा।

डिग्री देने के लिए छह काउंटर बढ़ाए :

छात्रों का अचानक दबाव पड़ने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने डिग्री देने के लिए छह काउंटर बढ़ा दिए। जिनकी डिग्री बन चुकी थी, उन्हें एक साथ बांटा गया। जबकि जिनकी नहीं छप पाई थी। उन्हें बुधवार को आने के लिए कह दिया गया।

प्रोवीजनल मिलने के बाद भी डिग्री कर दी रिजेक्ट:

लखीमपुर खीरी से बीए की डिग्री लेने आए दीपक कुमार ने बताया कि वह सुबह दस बजे से विश्वविद्यालय पहुंच गए थे। पहले तो उन्हें टहलाया जाता रहा। फिर उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि उनकी डिग्री रिजेक्ट है। उनका कहना था कि जब वह 2016 में प्रोवीजनल डिग्री प्राप्त कर चुके हैं तो वह रिजेक्ट कैसे हो सकती है? इसी प्रकार औरैया से बीएससी की डिग्री पहुंचे शिवम शर्मा को यह कहकर लौटा दिया गया कि उनकी डिग्री छपी ही नहीं है। बीए के छात्र आर्यन सिंह व बीएड की छात्रा दीपिका तिवारी को भी यही जवाब मिला। --------------------------

'छात्रों की संख्या अचानक बढ़ने से यह दिक्कत आई है। जिनका वेरीफिकेशन नहीं हुआ है उनकी डिग्री नहीं बन पाई है। छात्रों को 20 वर्किंग डे में डिग्री लेने के लिए बुलाया जाता है। उन्हें जल्द से जल्द डिग्री मिल जाएगी।'

डॉ. विनोद कुमार सिंह, कुलसचिव सीएसजेएमयू


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