खुलने लगा खेल, शस्त्र लाइसेंस के लिए डेढ़ लाख रुपये में होता था सौदा Kanpur News
फर्जी हस्ताक्षर से लाइसेंस पाने वाले दो धारकों ने बताया पूछताछ के बाद पुलिस को बयान और सुबूत देने के लिए कहा गया।
कानपुर, जेएनएन। असलहा लाइसेंस में फर्जीवाड़े की परत दर परत खुलने पर नए राज सामने आ रहे हैं। लाइसेंस के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये में सौदा तय होता था। इस बात पर से पर्दा खुद दो लाइसेंस धारकों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर उठाया है। इन दोनों के लाइसेंस भी फर्जी हस्ताक्षर से जारी हुए थे। इन दोनों लाइसेंस धारकों ने बताया कि उन्होंने सभी दस्तावेज सही दिए लेकिन, उनसे मोटी रकम ऐंठी गई।
दोनों लाइसेंस धारकों से पूछताछ में अधिकारियों ने तमाम सवाल किए। पूछा कि उनकी लिपिकों से कैसे मुलाकात हुई। किसने उन्हें मिलवाया था। अधिकारियों ने उन्हें पुलिस सामने बयान देने के लिए कहा है। जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत के मुताबिक पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और उसे ही सभी तथ्यों की पड़ताल करनी है। किसी षड्यंत्र में अगर लाइसेंस धारकों का नाम भी सामने आएगा तो मुकदमा दर्ज होगा। फर्जी लाइसेंसों के निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गई है
फाइलें लिपिकों के घर में होने की संभावना
लाइसेंस अनुभाग से गायब हुई 60 सही फाइलों के लिपिकों के घर में होने की संभावना है। प्रशासनिक अधिकारियों ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी है। अब फाइलों की खोजबीन कराई जाएगी।