कोर्ट में उलटा पड़ गया डॉक्टर की आशिकी का कांट्रैक्ट, जानिए क्या है मामला
शादीशुदा होने के बाद भी नर्स से की थी मंदिर में शादी भ्रूण हत्या दुष्कर्म दहेज उत्पीडऩ में किया गया तलब।
कानपुर, [आलोक शर्मा]। शादीशुदा होने के बावजूद एक डॉक्टर ने नर्स से आशिकी का कांट्रैक्ट किया जो कोर्ट में उलटा पड़ा गया। डॉक्टर ने कांट्रैक्ट में नर्स की संपत्ति में अपने बच्चों और खुद को हिस्सेदार बनाया, पर अपनी संपत्ति में कोई हिस्सेदारी नहीं दी। मां न बनने की शर्त पर नर्स का तीन बार गर्भपात कराया। एक साल की कानूनी लड़ाई के बाद विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने डॉक्टर को दुष्कर्म, भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीडऩ, धोखाधड़ी, अमानत में खयानत के आरोपों में माता-पिता के साथ तलब किया है। वर्तमान में डॉक्टर बहराइच के सीएचसी कैसरगंज में तैनात है।
अविवाहित बता बनाए संबंध
मामला सात साल पुराना है। बहराइच के जेल अस्पताल में तैनात डॉ. अनिल कुमार मौर्य का स्थानांतरण जून 2013 में हैलट अस्पताल के जच्चा-बच्चा अस्पताल में हुआ। यहां एक नर्स से उनके प्रेम संबंध हो गए। खुद को अविवाहित बताकर आठ अगस्त 2015 को डॉक्टर ने पनकी मंदिर में नर्स से शादी कर ली और सौ रुपये के स्टांप पर अनुबंध करा लिया। दोनों कल्याणपुर (कानपुर) में किराये के मकान में रहने लगे।
जबरन कराया गर्भपात
डीजीओ (स्त्री रोग विशेषज्ञ) की पढ़ाई के बाद डॉ. अनिल की पोस्टिंग दो जनवरी 2016 को सीएचसी कैसरगंज बहराइच में हुई। नर्स अवकाश लेकर डॉक्टर के घर आती-जाती रही। इसी दौरान पता चला कि डॉक्टर शादीशुदा है। उनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं और दो बेटियों के साथ रांची में रहती हैं। डॉक्टर ने मान मनौव्वल शुरू की तो नर्स ने भी समझौता कर लिया। आठ जनवरी 2017 को कानपुर में कांट्रैक्ट तैयार हुआ कि नर्स दोनों बेटियों को मां की तरह प्यार देगी। पढ़ाई और शादी में भी आर्थिक मदद करती रहेगी।
खुद मां नहीं बनेगी। डॉक्टर की आजीविका और संपत्ति में कोई दावा नहीं करेगी। वह गर्भवती हुई तो डॉक्टर ने उसकी इच्छा के विरुद्ध खुद ही 2016 में तीन माह का, 2017 में दो माह का और 2018 में साढ़े तीन माह का गर्भपात किया था। अधिवक्ता यामिनी कांत ने बताया कि नर्स ने सभी दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य दाखिल किए गए हैं। पुलिस रिपोर्ट भी पक्ष में थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने गंभीर धाराओं में डॉक्टर और उनके माता-पिता को कोर्ट ने तलब किया है।