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रिटर्न के बदलावों को नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय बदलावों को लेकर सजग रहें। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आयकर रिटर्न फॉर्म में 2

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 01:35 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 01:03 PM (IST)
रिटर्न के बदलावों को नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी

जागरण संवाददाता, कानपुर : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय बदलावों को लेकर सजग रहें। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आयकर रिटर्न फॉर्म में 28 बदलाव किए गए हैं। यह जानकारी गुरुवार को इनकम टैक्स बार एसोसिएशन की गोष्ठी में दी गई।

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मुख्य वक्ता गोविंद माहेश्वरी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला आयकर रिटर्न भरा जाएगा, इस वजह से यह बहुत महत्वपूर्ण है। आयकर विभाग करदाताओं से ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्र कर उसका आयकर रिटर्न की जांच के समय इस्तेमाल करेगा। इसके साथ ही यह जानकारी अप्रत्यक्ष कर से जुड़े अन्य विभागों से साझा की जाएगी। अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद कृष्णा ने की। संचालन महामंत्री अवधेश मिश्रा ने किया। गोष्ठी में सुनील त्रिवेदी, शैलेंद्र सचान, प्रदीप द्विवेदी, दिनेश शुक्ला, शरद निगम, बसंत लाल गुप्ता आदि मौजूद थे।

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इन बातों का रखें ध्यान

- आइटीआर 1 व 4 में वेतन से आय व एक मकान के किराए से आय वाले करदाताओं को अब इसकी गणना की विस्तृत जानकारी देनी होगी।

- धारा 44एडी, 44एडीए, 44एई के तहत अनुमानित आय की गणना वाले ऐसे करदाताओं जिन्हें बुक्स रखने की जरूरत नहीं है, फिर भी उन्हें चार की जगह 14 वित्तीय सूचनाएं देनी होंगी। साथ ही जीएसटी नंबर व जीएसटी रिटर्न में दिया गया टर्नओवर भी देना अनिवार्य होगा।

- आइटीआर 2, 3 व 4 में जेंडर नहीं बताना है।

- निर्धारित समय के बाद रिटर्न दाखिल करने पर 31 दिसंबर 2018 तक 5,000 रुपये व उसके बाद 31 मार्च 2019 तक 10 हजार रुपये अतिरिक्त फीस देनी होगी। पांच लाख से कम आय वाले करदाताओं के लिए यह फीस 1,000 रुपये है।

- गैर सूचीबद्ध शेयरों का पूंजीगत लाभ निकालते समय उन शेयरों की उचित बाजार मूल्य की गणना रिटर्न में देनी होगी।

- नई धारा के तहत गिफ्ट के रिटर्न के प्रावधान सभी करदाताओं पर लागू हैं।

- साझेदारों को अब आइटीआर 2 के स्थान पर आइटीआर 3 भरना होगा।

- हृास की दरों में बदलाव के कारण आइटीआर 3, 5, 6 में नए कॉलम लाए गए हैं।

- आइटीआर 3, 5, 6 में जीएसटी के भुगतान व धन वापसी का विवरण भी देना होगा।

- अप्रवासी भारतीयों के आयकर रिफंड के लिए विदेशी बैंक के खातों का विवरण भी दिया जा सकता है।


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