आइआइटी से रास्ता बंद करने पर आरपार की लड़ाई का एलान
जागरण संवाददाता, कानपुर : आइआइटी से नानकारी का पुराना रास्ता बंद करने के विरोध में यहां
जागरण संवाददाता, कानपुर : आइआइटी से नानकारी का पुराना रास्ता बंद करने के विरोध में यहां के बाशिंदों ने आरपार की लड़ाई का एलान किया है। वहां के सरकारी स्कूल में रविवार को एसपी पश्चिम गौरव ग्रोवर व सीओ कल्याणपुर नितिन कुमार की मध्यस्थता में आइआइटी प्रशासन व नानकारी वासियों के बीच हुई वार्ता विफल रहने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है। वार्ता के दौरान किसी अप्रिय घटना के एहतियातन अर्मापुर, कल्याणपुर, सीसामऊ, पनकी व बिठूर थानों की फोर्स मौजूद रही।
आइआइटी में ड्रग का मामला तूल पकड़ने के बाद संस्थान प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। आने जाने वालों की कड़ी जांच की जा रही है। इसी क्रम में नानकारी का रास्ता भी बदले जाने की तैयारी है। हालांकि आइआइटी प्रशासन का कहना है कि रास्ता बदलने का कारण कैंपस में वाहन का लोड कम करना भी है। नानकारी के निवासियों का कहना है कि जिस रास्ते से वे वर्षो से आते जाते रहे हैं वह उनके बाबा व पिता के जमाने से है। अब उनकी आवाजाही इससे क्यों रोकी जा रही है। रविवार को पूर्व विधायक सतीश निगम, नानकारी पार्षद निर्मल मिश्रा के अलावा अजय अग्निहोत्री, श्रवण बाजपेई, अमित गौतम व आरपी सिंह समेत सैकड़ों ग्रामीणों के साथ आइआइटी के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने वार्ता की। एसपी पश्चिमी व सीओ कल्याणपुर की मध्यस्थता के बीच हुई वार्ता में दोनों पक्षों ने अपनी अपनी बात रखी लेकिन नतीजा नहीं निकला। सोमवार को कल्याणपुर थाने में नानकारी वासियों व आइआइटी प्रशासन के बीच एक बार फिर वार्ता होगी। इसमें दोनों ओर से करीब पांच-पांच लोग ही रहेंगे।
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'नानकारी के रास्ते को बंद करना पूरी तरह अवैधानिक है। इसका विरोध जारी रहेगा।'
नीलम मिश्रा, नानकारी पार्षद
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'नानकारी का रास्ता बंद नहीं किया गया है। वहां रहने वाले लोगों को आवाजाही के लिए दूसरा रास्ता दिया जा रहा है। वे उस रास्ते से बेरोक टोक आ जा सकते हैं। इससे आइआइटी का ट्रैफिक लोड भी कम हो सकेगा।'
आइआइटी निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल