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कानपुर समेत सात शहरों में होगी टेक्सटाइल पार्क की स्थापना, मांगे गए टेंडर

निवेश के इच्छुक लोग 20 अगस्त तक टेंडर प्रक्रिया में ले सकते हैं हिस्सा पहले पांच अगस्त थी अंतिम तिथि।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 10:12 PM (IST)
कानपुर समेत सात शहरों में होगी टेक्सटाइल पार्क की स्थापना, मांगे गए टेंडर
कानपुर समेत सात शहरों में होगी टेक्सटाइल पार्क की स्थापना, मांगे गए टेंडर

कानपुर, जेएनएन। सूबे को टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चङ्क्षरग हब बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने कवायद तेज की है। मुख्यमंत्री के आदेश पर उप्र हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग ने प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिए कानपुर समेत सात शहरों में टेक्सटाइल पार्क स्थापना का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 20 अगस्त तक टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। इनकी स्थापना में केंद्र सरकार की इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क योजना (आइटीपीएस) से आर्थिक मदद मिलेगी, साथ ही राज्य सरकार भी 2017 की हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंङ्क्षटग पॉलिसी व उप्र औद्योगिक विकास नीति से सब्सिडी देगी।

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केंद्र के साथ ही राज्य सरकार से भी उद्यमियों को मिलेंगी खूब सुविधाएं

वस्त्र मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में आइटीपीएस के तहत पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। इसमें केंद्र सरकार से पार्क की स्थापना पर होने वाले खर्च का अधिकतम 40 फीसद अनुदान मिल सकता है। निवेशक को प्रदेश सरकार की हथकरघा, रेशम, वस्त्र व परिधान नीति 2017 के तहत भी कई सुविधाएं मिलेंगी। प्लांट व मशीनरी की खरीद पर आने वाले कुल खर्च की अधिकतम 25 फीसद कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही औद्योगिक विकास नीति के तहत भी सुविधाएं दी जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद उप्र हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग ने गोरखपुर, मेरठ, आगरा, झांसी, कानपुर, वाराणसी व लखनऊ में पीपीपी मॉडल पर पार्क बनाने को विभिन्न औद्योगिक समूहों, कंपनियों से टेंडर मांगे हैं।

विभाग के उपायुक्त केपी वर्मा के मुताबिक पहले टेंडर जमा करने की तिथि पांच अगस्त थी लेकिन बाद में इसे 20 अगस्त कर दिया गया। इन पार्कों में टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चङ्क्षरग यूनिट लगेंगी। विभाग ने तय किया है कि यदि कोई उद्यमी 100 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल में टेक्सटाइल पार्क विकसित करता है तो उसे मार्केंङ्क्षटग व ब्रांङ्क्षडग में सहयोग दिया जाएगा। पार्क की स्थापना में कोई दिक्कत न आए और निवेशक को सरकार से अनुमन्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए एक नोडल अफसर भी नामित होंगे।  


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