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कानपुर में पकड़े गए आतंकी ने एयरफोर्स स्टेशन के पास बनाया था ठिकाना

चकेरी से पकड़े गए आतंकी कमरुज्जमा ने अपना ठिकाना एयरपोर्ट (एयरफोर्स स्टेशन) से पांच सौ मीटर की दूरी पर बनाया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 10:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 10:56 PM (IST)
कानपुर में पकड़े गए आतंकी ने एयरफोर्स स्टेशन के पास बनाया था ठिकाना

कानपुर (जेएनएन)। चकेरी से पकड़े गए आतंकी कमरुज्जमा को लेकर एटीएस भले ही दावा कर रही है कि उसका निशाना शहर में गणेश पंडाल, प्रमुख इमारतें, उद्योगपति व नेता थे, लेकिन उसकी गतिविधियां कुछ और ही इशारा कर रही हैं। उसने अपना ठिकाना एयरपोर्ट (एयरफोर्स स्टेशन) से पांच सौ मीटर की दूरी पर बनाया। वहां छत से एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) सेंटर साफ दिखता है जिससे यहां से होने वाली हर उड़ान पर आसानी से नजर रखी जा सकती है। सड़क या हवाई मार्ग से वीवीआइपी मूवमेंट होने के नाते यह काफी संवेदनशील क्षेत्र है। अभी खतरा टला नहीं हैं क्योंकि उसके दो साथी फरार हैं। ऐसी मुहिम में जुड़े आतंकी कुछ भी कर गुजरते हैं। 

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दूरबीन लगाकर घंटों ताकझांक

सूत्रों के मुताबिक बीते दो माह से वह तीन साथियों के साथ चकेरी गांव निवासी उजियारीलाल यादव के चकेरी मोड़ स्थित मकान में किराए पर रह रहा था। उसने मकान मालिक को दोगुने किराए (35 सौ रुपये) का लालच दिया था। वहीं मकान मालिक के पूछने पर लखनऊ से आइडी लाकर देने की बात कह अपने नाम की बात टाल गया था। किराए पर कमरा लेने के दौरान उसने मोबाइल टॉवर में रखरखाव की ड्यूटी होने की जानकारी दी थी। मकान से कुछ ही दूरी पर एयरपोर्ट की चहारदीवारी शुरू हो जाती है। एटीएस को उसके कमरे में मोबाइल फोन, लैपटॉप और कई सरकारी संस्थान, धार्मिक स्थलों के चित्र, आने-जाने के रास्ते का नक्शा, कई चर्चित लोगों के नाम, पता और मोबाइल नंबर आदि मिले हैं। आसपास के लोगों के मुताबिक ये लोग दोपहर और तड़के छत से दूरबीन लगाकर घंटों इधर-उधर देखा करते थे। साथ ही देर रात को पार्क में आने जाने वालों से मिलने जाते थे। घर पर कम ही लोगों का आना जाना है।   

लखनऊ व झारखंड के नंबर की आती थी गाडिय़ां 

आतंकी कमरूद्दीन से मिलने आने वालों की गाडिय़ों के नंबर लखनऊ या झारखंड के होते थे। ये लोग रात को आते थे और तड़के चले जाते थे। ज्यादा लोगों के होने पर सामने स्थित पार्क में अड्डा जमाते थे।

एयरफोर्स लिखी स्कूटी से घूमता था

कमरुद्दीन के साथ कभी दो लोग तो कभी तीन लोग कमरे में आते-जाते थे। उनके पास कभी कोई गाड़ी नहीं देखी गई। हालांकि पड़ोसी का कहना है कि एक अंकल स्कूटी से आते थे जिसमें एयरफोर्स लिखा था। उसे लेकर वह निकल जाता था और कई घंटे बाद लौटता था।

पूरे मकान में रहते नौ किराएदार

उजियारी लाल के मकान के ग्राउंड फ्लोर पर फैक्ट्री कर्मी नीरज, मकसूदन, रेलवे में नौकरी करने वाला जानकी, ढाबा कर्मी  अमृतलाल, पड़ोसी रिटायर्ड दारोगा प्रेम कुमार पाल का साला सब्जी दुकानदार, फास्टफूड दुकानदार अंकित और गोरंगू लाल सर्खिल (बंगाली बाबा) रहते हैं जबकि पहली मंजिल पर बिंदकी निवासी देवेंद्र कुमार उत्तम पत्नी पूजा के साथ रहते हैं। देवेंद्र के सामने का कमरा ही दो माह पूर्व ही कमरुद्दीन ने लिया था। एटीएस जल्द ही इन सबसे बात कर और सबूत जुटा सकती है। 


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