कड़े पहरे में खाली हुई टेफ्को कॉलोनी
आखिरकार टेफ्को कॉलोनी खाली हो ही गई। रविवार सुबह जैसे ही दलबल के साथ प्रशासनिक अमला पहुंचा लोगों ने मकान खाली करने शुरू कर दिए।
जागरण संवाददाता, कानपुर : आखिरकार टेफ्को कॉलोनी खाली हो ही गई। रविवार सुबह जैसे ही दलबल के साथ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी कॉलोनी पहुंचे तो लोगों ने खुद ही मकान खाली करने शुरू कर दिए। देर शाम तक लगभग सभी 640 मकान खाली हो चुके थे। केवल घर से बाहर निकालकर रखे गए घरेलू सामान को ले जाने का क्रम जारी था। जैसे-जैसे मकान खाली हुए, जिला प्रशासन ने सीलिंग की कार्रवाई करते हुए मकान अपने कब्जे में ले लिए। सबसे खास बात यह रही कि इतने बड़े अभियान में कोई व्यवधान नहीं पड़ा। पुलिस को विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
एक मई को हाईकोर्ट ने टेफ्को कॉलोनी को लेकर एक आदेश पारित किया था, जिसमें जिला प्रशासन को कुछ प्रमुख सार्वजनिक स्थलों को अपने कब्जे में लेने को कहा गया था। चार मई को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सभी कॉलोनीवासियों को बाहर करने का आदेश दिया। इसके बाद 22 मई को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कॉलोनी खाली कराने के लिए सीधे डीएम और एसएसपी को आदेश दिया। अब 28 मई को सुनवाई होनी है।
इसके बाद जिला प्रशासन ने 27 मई तक मकान खाली करने को अल्टीमेटम दिया और कॉलोनी की बिजली-पानी काट दी गई। देर रात कॉलोनी में भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरएएफ तैनात कर दी गई। रविवार सुबह दस बजे डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी अखिलेश कुमार आरएएफ, पीएसी और भारी पुलिस बल के साथ कॉलोनी पहुंचे। मुनादी करा दी गई कि दोपहर दो बजे तक का वक्त दिया जाएगा। इसके बाद सीलिंग की कार्रवाई शुरू होगी। विरोध करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसके बाद तो भगदड़ सी मच गई। लोगों ने मकान खाली करना शुरू कर दिया। दोपहर दो बजे तक घरेलू सामान लगभग सभी मकानों से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण गिराना शुरू किया। टेफ्को द्वारा निर्माणाधीन इमारतों को छोड़कर शेष निर्माण बुलडोजर से तोड़े गए। इस दौरान किसी प्रकार का विरोध नहीं हुआ। डीएम और एसएसपी पूरे दिन कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे।