Move to Jagran APP

सफलता की राह को रोशन कर रहे शिक्षक

सर पदमपत सिंहानिया एजूकेशन सेंटर में संस्कारशाला की बुकलेट का हुआ विमोचन,कैलाश सरस्वती इंटर कॉलेज में अ'छाई और बुराई पर आधारित नाटक का हुआ मंचन

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 01:49 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 01:49 AM (IST)
सफलता की राह को रोशन कर रहे शिक्षक
सफलता की राह को रोशन कर रहे शिक्षक

जागरण संवाददाता, कानपुर : शिक्षक वह पथ प्रदर्शक हैं, जिसकी राह पर चलकर छात्र-छात्राएं सफलता की सीढि़यां चढ़ते चले जाते हैं। वह आगे चलकर न सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन, प्रशासनिक अधिकारी बनते हैं, बल्कि समाज को नया आयाम देते हैं। उनकी सोच से गांव, क्षेत्र, शहर ही नहीं देश का विकास होता है। कल तक नन्हा दिखाई देने वाला बीज अच्छे संस्कारों के सहारे पूरा पेड़ बन जाता है। अपनी अच्छाइयां रूपी छांव से हर किसी को सुखद अहसास कराते हैं। यह बातें गुरुवार को कमला नगर स्थित सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर और कल्याणपुर के कैलाश सरस्वती इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम में बताई गई। इसमें शिक्षक के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।

loksabha election banner

पांच फिट की बुकलेट आर्कषण का केंद्र

सर पदमपत सिंहानिया एजुकेशन सेंटर में मार्निग असेंबली में स्पीकर अनमोल तिवारी और वैभव सिंह राठौर ने संस्कारशाला के बारे में जानकारी दी। उन्हें बेहतर भविष्य के निर्माण में अध्यापक की भूमिका के बारे में बताया। छात्र जीवन में किस तरह से संस्कारों का पालन किया जा सकता है, इसकी जानकारी दी। माता पिता की आज्ञा मानना, समय का पालन करना प्रगति के मार्ग पर ले जाता है। इसी बीच पांच फीट की संस्कारशाला की विशालकाय बुकलेट का विमोचन हुआ। जिसे देखकर छात्र-छात्राएं काफी आकर्षित हुए। प्रधानाचार्या भावना गुप्ता, किरण पांडेय समेत काफी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

नाटक ने दिल की गहराइयों को छुआ

कैलाश सरस्वती इंटर कॉलेज में भी छात्रों को संस्कारों की पहचान कराई गई। उन्हें कहानियों के माध्यम से उन्नति के पथ पर बढ़ने की जानकारी दी गई। शिक्षकों के सम्मान और उनकी सलाह मानने की सीख दी। छात्र-छात्राओं को नाटक के माध्यम से अच्छाई और बुराई का परिचय कराया गया। इसमें चार-चार छात्रों की टीम बनाई गई। एक ओर संस्कारवान टीम थी तो दूसरी ओर उसे न मानने वाले लोग। नाटक में दर्शाया गया कि किस तरह संस्कार को न मानने वाले पिछड़ते चले गए। वहीं संस्कारवान ने विकास की ऊंचाइयों को छू लिया। प्रबंधक प्रेमचंद अग्निहोत्री, प्रधानाचार्या स्नेहलता शुक्ला, विनोद शर्मा, आलोक दीक्षित समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

स्कूलों में बंटेगी कॉमिक बुक

संस्कारशाला अभियान के अंतर्गत छात्रों को संस्कारों की पहचान कराने के लिए स्कूलों में संस्कारों की कॉमिक बुक वितरित की जाएगी। यह स्कूलों की लाइब्रेरी में रखी जाएंगी। छात्र-छात्राएं इसे पढ़कर संस्कारवान बनेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.