अब टीबी मरीजों को जांच के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे उर्सला के चक्कर, जानें कहां होगी टेस्टिंग
टीबी मरीजों की असुविधा को देखते हुए तत्कालीन जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जीके मिश्रा ने डिजिटिल एक्सरे मशीन खरीदने का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) को भेजा था।
कानपुर, जेएनएन। देश से टीबी के सफाए के लिए केंद्र सरकार सतत् प्रयासरत है। इस कड़ी में टीबी मरीजों को बेहतर इलाज एवं जांच की सुविधा मुहैया कराने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। अब सिविल लाइंस के दूधवाला बंगला स्थित अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के कार्यालय परिसर के टीबी क्लीनिक में एक्सरे जांच की सुविधा मिलेगी। इससे टीबी के मरीजों को जांच कराने के लिए उर्सला के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
सिविल लाइंस स्थित स्वास्थ्य महकमे के जिला क्षय रोग अधिकारी की देखरेख में टीबी क्लीनिक का संचालन हो रहा है। जहां सामान्य, एमडीआर और एक्सडीआर टीबी के मरीज इलाज के लिए आते हैं। मरीजों के फेफड़े में संक्रमण की स्थिति देखने के लिए बार-बार एक्सरे कराना पड़ता है। टीबी क्लीनिक में एक्सरे मशीन नहीं होने पर मरीजों को उर्सला अस्पताल भेजा जाता था। टीबी के मरीजों को आने-जाने में दिक्कत होती थी। इस समस्या को देखते हुए तत्कालीन जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जीके मिश्रा ने डिजिटिल एक्सरे मशीन खरीदने का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) को भेजा था। इसके लिए सहमति प्रदान करते हुए बजट आवंटित किया था। टीबी क्लीनिक में डिजिटल एक्सरे मशीन आ भी गई है।
कनेक्शन के लिए आवेदन
कानपुर विद्युत सप्लाई कंपनी (केस्को) में बिजली के कनेक्शन तथा ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के लिए आवेदन किया है। नौ लाख रुपये भी जमा करा दिए हैं। कनेक्शन लगाने की प्रक्रिया चल रही है।
इनका ये है कहना
डिजिटल एक्सरे मशीन आ गई है। उसे स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने तथा नए कनेक्शन के लिए आवेदन कर दिया गया है। - डॉ. एपी मिश्रा, जिला क्षय रोग अधिकारी।