चार दिन में दाखिल करने होंगे टैक्स आडिट वाले आयकर रिटर्न
जागरण संवाददाता, कानपुर : कंपनी करदाता एवं आयकर कानून की धारा 44 एबी के दायरे में आने वाली
जागरण संवाददाता, कानपुर : कंपनी करदाता एवं आयकर कानून की धारा 44 एबी के दायरे में आने वाली कारोबारी फर्मो व संस्थानों को अपने आयकर रिटर्न 31 अक्टूबर 2017 तक फाइल करने हैं। ये रिटर्न कर निर्धारण वर्ष 2017-18 के हैं। पहले ये रिटर्न 30 सितंबर तक दाखिल किए जाने थे, बाद में वित्त मंत्रालय ने इसे 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया था।
टैक्स सलाहकारों के मुताबिक 31 अक्टूबर तक आयकर रिटर्न टैक्स ऑडिट रिपोर्ट के साथ ई-फाइलिंग से विभागीय वेबसाइट पर दाखिल करने होंगे।
समय से रिटर्न दाखिल ना करने से नुकसान
- धारा 271बी के अंतर्गत कुल वार्षिक विक्रय धन या सकल प्राप्तियों का आधा फीसद अर्थदंड लगाया जा सकता है। यह अर्थदंड अधिकतम डेढ़ लाख रुपये हो सकता है।
- त्रुटियों को सही करने व आमदनी छूट जाने पर रिटर्न संशोधित करने का लाभ करदाता को नहीं मिलेगा।
- एडवांस टैक्स व टीडीएस की धनराशि का लाभ देयकर में घटाने के बाद यदि धन शेष बचेगा तो उस पर 15 फीसद वार्षिक की दर से ब्याज अदा करना होगा।
इन्हें फाइल करना है रिटर्न
- 10 वाहन वाले ट्रांसपोर्टर यदि अपनी शुद्ध कारोबारी कर योग्य आय 7,500 रुपये प्रति माह प्रति वाहन से कम घोषित करते हैं तो उन्हें अपने बहीखातों का टैक्स आडिट कराना होगा। वाहन मालिक, किस्तों पर वाहन लेने वाले भी इसके तहत आएंगे।
- धारा 44एए के तहत पेशेवर व्यक्ति 50 लाख रुपये तक वार्षिक सकल प्राप्तियां होने पर शुद्ध कर योग्य आमदनी सकल प्राप्ति के 50 फीसद तक घोषित करनी है। इससे कम शुद्ध कर योग्य आमदनी घोषित की तो उन्हें बही खातों का अनिवार्य रूप से टैक्स आडिट कराना होगा।