संघ प्रमुख की सीख से आदर्श ग्राम की रचना करेंगे स्वयंसेवक, निभाएंगे ये बड़ी जिम्मेदारियां
संघ शिक्षा वर्ग में सांध्यकालीन शाखा में संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को योग व्यायाम और समरसता की सीख दी।
कानपुर, जेएनएन। भारत की आत्मा गांवों में बसती है। कुछ इसी सोच के साथ गांवों को आदर्श स्वरूप में ढालने का मंत्र स्वयंसेवकों को देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत शहर पहुंचे हैं। गांवों में अशिक्षा, नशा और सामाजिक बुराइयों को सबके सहयोग से स्वयंसेवक दूर करेंगे। स्वयसेवक गांव में मूलभूत सुविधाओं के लिए सरकार पर आश्रित रहने की बजाय जनसहयोग से प्रयास कर उन्हें सुलभ बनाएंगे। इसकी जिम्मेदारी 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के स्वयंसेवकों को दी गई है। लक्ष्य में अनुरूप जब एक आदर्श गांव तैयार हो जाएगा तो उसी को उदाहरण बनाते हुए अन्य आदर्श गांव तैयार किए जाएंगे।
पं. दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत रविवार को लगभग 12.30 बजे शिविर पहुंचे। संघ प्रमुख सीधे अपने कक्ष में चले गए और फिर सांध्यकालीन शाखा में शामिल हुए। यहां उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि वे योग और व्यायाम पर ध्यान दें। समाज में समरसता का भाव बढ़ाएं।
विचार प्रवाह और तेज करेगा संघ
अनुकूल राजनीतिक माहौल में अक्सर सहयोगी संगठन सत्ता की चाशनी में डूब जाते हैं। मगर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस मायने में अनूठा संगठन है। ऐसे वक्त में जब उसकी विचारधारा से उपजी पार्टी प्रचंड बहुमत से केंद्र में सत्तासीन है। देश के अधिकांश राज्यों में उसकी विचारधारा के अनुरूप सरकार है। उस वक्त संघ खुद को ज्यादा कठिन कसौटी पर कसने में जुटा है। संघ की तैयारी घर-घर तक पहुंचने और वैचारिक प्रवाह को तेज करने की है।
बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए तैयार करेंगे स्वयंसेवक
जिन विषयों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर पहुंचे हैं, वह इसी तैयारी का परिचायक है। संघ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सर संघचालक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्वयंसेवकों को बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार करेंगे। प्रयास है कि दो से तीन हजार की आबादी वाले मोहल्लों में संघ की दो से तीन शाखाएं संचालित की जाएं। यह काम शहरों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण स्तर पर भी किया जाए। गांवों में लोगों को सेवाकार्यों से आकर्षित करने की योजना है।
राष्ट्रवाद और समाजसेवा पर होगा जोर
आदर्श गांव बनाने में सफलता मिलती है तो इससे सरकार पर निर्भरता भी कम होगी और देश को विकसित राष्ट्र बनाने में सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही लोगों में राष्ट्रवाद की भावना भी प्रबल होगी। अगले तीन दिन तक संघ प्रमुख के बौद्धिक ऐसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों से परिपूर्ण होंगे जिससे संघ की आगामी तैयारियों की रूपरेखा काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी। रविवार से मंगलवार तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख विभिन्न विषयों पर स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करेंगे। इसमें राष्ट्रवाद, ङ्क्षहदुत्व, सामाजिक समरसता और समाजसेवा जैसे बिंदु शामिल होंगे। संघ प्रत्येक मोहल्ले में दो से तीन शाखाएं शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए संघ प्रमुख विशेष रूप से प्रशिक्षु स्वयंसेवकों को प्रेरित करेंगे।
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