अनलॉक वन में दिखा एसयूवी कार का जलवा
बीते माह अनलॉक वन ने कार बाजार की उम्मीदों को खासी रफ्तार दी। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद लोगों के बीच एसयूवी कार के प्रति मोह घटने की जगह बढ़ रहा है। कार डीलरों के मुताबिक नई कारों की बिक्री जून में उम्मीद से अछी रही है। एसयूवी कारों की बिक्री काफी ज्यादा है जबकि काम कीमत वाली कारों की बिक्री काफी कम रही है।
- पुरानी नहीं नई कारों को ज्यादा पसंद कर रहे कस्टमर
- कई शोरूम में पिछले वर्ष जून से ज्यादा बिक गईं कारें
जागरण संवाददाता, कानपुर :
बीते माह अनलॉक वन ने कार बाजार की उम्मीदों को खासी रफ्तार दी। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद लोगों के बीच एसयूवी कार के प्रति मोह घटने की जगह बढ़ रहा है। कार डीलरों के मुताबिक नई कारों की बिक्री जून में उम्मीद से अच्छी रही है। एसयूवी कारों की बिक्री काफी ज्यादा है जबकि काम कीमत वाली कारों की बिक्री काफी कम रही है। जीटी रोड स्थित एक शोरूम ने पिछले वर्ष जून के मुकाबले इस वर्ष जून में ज्यादा कारें बेच लीं। दूसरी ओर पुरानी कारों का कारोबार करने वालों के लिए बाजार अभी 50 फीसद पर खड़ा है।
शोरूम संचालकों के मुताबिक शारीरिक दूरी के नियमों के चलते धारणा बन रही थी कि छोटी व पुरानी कारों की मांग बढ़ेगी लेकिन, मई के अंत से कारों की बिक्री बढ़नी शुरू हुई तो पुरानी और छोटी कारें बिक्री की दौड़ में पीछे रहीं। बस या ट्रेन से जो लोग आसपास के जिलों में नौकरी के लिए जाते थे, वे शेयरिग में एक से दो लाख रुपये की कार खरीदने के लिए पूछताछ कर रहे हैं। हालांकि ये लोग इतनी ज्यादा क्वालिटी मांग रहे हैं कि पुरानी और इस रेंज में मुश्किल है।
नई कार के डीलर का कहना है कि बड़ी कारों की बिक्री उम्मीद से ज्यादा है। जो लोग आराम से कार खरीद सकते हैं, बड़ी कार ही ले रहे हैं। जो छोटी कार के बारे में सोच रहे हैं, वे फिलहाल अपना धन लॉकडाउन की स्थितियों को देखते हुए रोके हैं। नई कारों की बिक्री में 30 फीसद तक की गिरावट है।
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शहर में हर माह औसतन 1,600 कार बिकती हैं जून में करीब एक हजार कार बिकी हैं। सबसे ज्यादा बिक्री आठ से 10 लाख रुपये की कारों की हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कारों की मांग ज्यादा है।
- मनीष गुप्ता, अध्यक्ष, कानपुर आटो डीलर एसोसिएशन।
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पिछले वर्ष जून में 123 कार बेची थीं। इस वर्ष जून में 130 कार बेचीं। इनमें 68 एसयूवी हैं। कम कीमत की कार लेने में मध्यम वर्ग अभी झिझक रहा है। यह वर्ग फिलहाल हालात पर नजर रखे है।
- शैलेंद्र तिवारी, महाप्रबंधक, तिरुपति मोटर्स।
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जो लोग लॉकडाउन से पहले अपनी एसयूवी बेचना चाहते थे, उन्होंने मन बदल लिया है। जब माहौल बना कि पुरानी गाड़ियों की बिक्री ज्यादा होगी तो लोगों ने अपनी गाड़ियों के भाव बढ़ा दिए। ग्राहक अपने हाथ को रोके हुए हैं। 50 फीसद भी बिक्री नहीं है।
- चरनजीत सिंह छाबड़ा, पुरानी कारों के कारोबारी।
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ज्यादा मूवमेंट नहीं है तो सीएनजी ठीक नहीं
कार डीलर्स के मुताबिक अगर रोज 10 से 20 किलोमीटर मूवमेंट है तो पेट्रोल या डीजल कार लेनी चाहिए। सीएनजी फिटेड कार के मूल्य में सामान्य तौर पर 75 हजार रुपये का अंतर पड़ जाता है।
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शहर में कार की बिक्री की स्थिति
- 1,600 करीब नई कार की बिक्री प्रतिमाह
- 1,000 करीब नई कार जून में बिकीं
- 08 से 10 लाख रुपये की कार ज्यादा बिकीं
- 30 फीसद से ज्यादा बिक्री में गिरावट
- 50 फीसद कम पुरानी कार का बाजार
- 01 से 1.5 लाख रुपये में पुरानी कार की पूछताछ ज्यादा
- 04 लाख रुपये की पुरानी कार की जगह नई कार ले रहे
- 08 से 10 लाख रुपये में जो पुरानी एसयूवी बेचना चाहते थे, उन्होंने फैसला टाला।