...जब Sushma Swaraj ने बिखेर दी थी विश्वनाथ के निराश परिवार में खुशियां Kanpur News
बहन के गुहार लगाने के बाद मलेशिया की जेल में बंद शुक्लागंज के युवक को छुड़वाया था।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 11:06 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के वक्तव्य जितने ओजस्वी होते थे, उनके दिल में वात्सल्य भाव भी उतना ही प्रखर था। भाई के जेल से छूटने की आस खत्म होने के बाद बहन की गुहार पर मिले सुषमा स्वराज के आशीर्वाद ने परिवार की खुशियां लौटा दी थीं। विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने विश्वनाथ को मलेशिया के कुआलालंपुर जेल की काल कोठरी से आजाद कराया था। विश्वनाथ एक एजेंट के नौकरी के झांसे में आकर वहां चले गए थे और तब उन्हें फर्जीवाड़े के आरोप में जेल भेज दिया गया था।
यह जानकारी वर्ष 2016 में नवीन मार्केट स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए विश्वनाथ ने दी थी। उन्होंने बताया था कि एक अखबार में नौकरी का विज्ञापन देख उनकी दिल्ली के एजेंट फैजान से बात हुई थी। उसने मोटी तनख्वाह दिलाने का वादा करते हुए मलेशिया भेज दिया। वहां छह-सात माह तक काम ठीक चला, लेकिन फिर अचानक पुलिस ने उन्हें वर्किंग वीजा न होने के चलते जेल में बंद कर दिया था।
जब परिजनों को सूचना मिली तो उन्होंने महानगर कमेटी को बताया था। इसके बाद तत्कालीन सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी ने सुषमा जी को मेल किया था। इस पर उन्होंने तुरंत जवाब भी दिया और विदेश मंत्रालय मलेशिया सरकार के संपर्क में आ गया था। भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि तब सुषमा जी ने विश्वनाथ को वापस लाने के लिए मलेशियाई सरकार से संपर्क किया और प्रक्रिया पूरी कराकर एक अप्रैल 2016 को विश्वनाथ की घर वापसी कराई थी।
यह जानकारी वर्ष 2016 में नवीन मार्केट स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए विश्वनाथ ने दी थी। उन्होंने बताया था कि एक अखबार में नौकरी का विज्ञापन देख उनकी दिल्ली के एजेंट फैजान से बात हुई थी। उसने मोटी तनख्वाह दिलाने का वादा करते हुए मलेशिया भेज दिया। वहां छह-सात माह तक काम ठीक चला, लेकिन फिर अचानक पुलिस ने उन्हें वर्किंग वीजा न होने के चलते जेल में बंद कर दिया था।
जब परिजनों को सूचना मिली तो उन्होंने महानगर कमेटी को बताया था। इसके बाद तत्कालीन सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी ने सुषमा जी को मेल किया था। इस पर उन्होंने तुरंत जवाब भी दिया और विदेश मंत्रालय मलेशिया सरकार के संपर्क में आ गया था। भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि तब सुषमा जी ने विश्वनाथ को वापस लाने के लिए मलेशियाई सरकार से संपर्क किया और प्रक्रिया पूरी कराकर एक अप्रैल 2016 को विश्वनाथ की घर वापसी कराई थी।
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