Move to Jagran APP

पाकिस्तान जेल में कैद भारत के 500 लोग और मेरा नंबर 306, महोबा के सुनील ने पत्र में बयां की व्याकुलता

पाकिस्तान की जेल में कैद यूपी के महोबा जिले के कबरई थानांतर्गत लिलवाही गांव में रहने वाले सुनील ने पत्नी रेखा देवी को पत्र लिखकर कुशक्षेम पूछा और शायरी के जरिये अपनी व्याकुलता बयां करते हुए परिवार को ठीक से रहने को कहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 05:49 PM (IST)
पाक जेल में बंद सुनील ने पत्नी रेखा को पत्र भेजा है।

महोबा, [अजय दीक्षित]। भौरा व्याकुल मधु बिना, कोयल बिना बसंत, मैं व्याकुल तुम बिना, जाने श्री भगवंत। मेहंदी रंग लाती है, सूख जाने के बाद, तुम्हारी याद आती है...। जय श्रीराम.. प्रिय रेखा देवी सदा खुश रहो। आपकी अभिलाषा एवं कुशलता की कामना रखने वाला आपका पति सुनील सदा श्री शंकर भगवान से नेक मनाया करता है कि मेरे परिवार को कुशल रखें...। यह चंद लाइनें उस पत्र की हैं, जो पाकिस्तान की जेल में बंद महोबा जिले के कबरई थानाक्षेत्र के लिलवाही गांव निवासी सुनील ने पकड़े जाने के छह माह बाद पत्नी को लिखी हैं..। पत्र के मजमून में बांदा के लोगों का भी हवाला और उनके परिवार की कुशलक्षेम की बात लिखी है। पत्र में पाकिस्तान की कराची जेल के बैरक का नंबर भी दर्ज है। उसमें लिखा है कि जेल में भारत देश के करीब 500 आदमी हैं, जिनमें मेरा नंबर 306 पर अंकित है।

loksabha election banner

महोबा क कबरई के लिलवाही गांव में रहने वाली पत्नी रेखा ने बताया कि नौ नवंबर 2017 को उनके पति सुनील को गुजरात के पोरबंदर में मछली पकड़ने के दौरान पाक सीमा में पहुंचने पर पकड़ लिया गया था। उसके छह माह बाद उन्हें मिला दो पेज का पत्र पाकिस्तान की मुहर लगे हुए लिफाफे में है। उसी के सहारे उनकी यादों में जी रही हूं। इसमें पति ने लिखा है कि जब मैंने चाचा के यहां फोन किया था तो उसी दिन पकड़ गया था और आप से बात भी नहीं हुई। न ही आपका कोई पता मिला। आप अपनी बच्चियों का ख्याल रखना और अपने मतलब से काम रखना और किसी से झगड़ा नहीं करना और आरती से कहना कि आप सब लोगों कि बहुत याद आती है। और अगर आपके पास खर्च न हो तो उधारी ले लेना, मैं जब आऊंगा तो सब कुछ हो जाएगा।

राकेश की तरफ से रेखा भाभी को नमस्ते पहुंचे और राजनश्री को मेरा नमस्ते बोल देना। सुनील की तरफ से सुनीता, राजनश्री को नमस्ते पहुंचे, पिता-मां जी को नमस्ते बोल देना और रामवतार को मेरा आशीर्वाद पहुंचे। अगर लेटर डालना तो हवाई पत्र रजिस्ट्री करना तो मुझको आपके हाल मिल जाएंगे। अंत में शायरी लिखी है कि भौरा व्याकुल मधु बिना, कोयल बिना बसंत। मैं व्याकुल तुम बिना, जाने श्री भगवंत। मेहंदी रंग लाती है, सूख जाने के बाद, तुम्हारी याद आती है पाकिस्तान आने के बाद। पते के स्थान पर लिख है, सुनील- पता- डिस्टिक मिलर लांडी जेल, सिंध कराची ईस्ट-34-बैरक नंबर-13 पाकिस्तान, डिवीजन-बैरक नंबर-1 सर्किल नंबर-3 (पाकिस्तान)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.