संबल से स्वावलंबन सिखा रहीं सुमन
गरीबी की बेड़ियों में जकड़ी एक महिला ने कुछ कर गुजरने की ठानी। मेहनत रंग लाई और उसने कपड़ों की कतरन से सफलता की एक अलग इबारत लिख दी।
नरेश पांडेय, चौबेपुर
गरीबी की बेड़ियों में जकड़ी एक महिला ने कुछ कर गुजरने की ठानी। मेहनत रंग लाई और उसने कपड़ों की कतरन से सफलता की एक अलग इबारत लिख दी। अब वह दूसरी महिलाओं को संबल प्रदान कर स्वावलंबी बना रही हैं। उनके बनाए टैडी बियर कानपुर ही नहीं वरन् आसपास के जिलों में भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
शिवराजपुर नगर के सुभाष नगर निवासी सुमन देवी आठ साल पहले आर्थिक रूप से बेहद कमजोर थीं। परेशानी हद से बढ़ने लगी तो इससे निजात के उपाय खोजने शुरू कर दिए। अचानक दिमाग में आया कि क्यों न कपड़ों की कतरन से कुछ बनाया जाए, लेकिन क्या ये सवाल जेहन में बार-बार आ रहा था। जवाब ढूंढने के लिए पहले उन्होंने प्रशिक्षण लिया। इसके बाद गुड़िया बनानी शुरू कर दी और आर्थिक समृद्धि की राह पर चल निकलीं। पहले खुद को संभाला अब दूसरी महिलाओं को राह दिखा रही हैं। वर्तमान में वह और उनकी सहयोगी महिलाएं टैडी बियर बना रही हैं जो आसपास के दो दर्जन से अधिक जिलों में बिक रहा है।
सुमन बताती हैं कि वह सिर्फ मैट्रिक तक पढ़ी हैं। बचपन से ही उनका सपना था महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं चूंकि आर्थिक तंगी का दंश उन्होंने बहुत करीब से महसूस किया था इसलिए जब वह उद्यमिता की राह पर चलीं तो उन्होंने तीन दर्जन से अधिक गरीब महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ लिया। अब ये महिलाएं उनके यहां से टैडीबियर बनाने का सामान ले जाती हैं और बनाकर उन्हें दे जाती हैं। उनके यहां से झांसी, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर समेत कई जिलों में टैडी बियर की आपूर्ति होती है।
खोलेंगी प्रशिक्षण केंद्र
सुमन का कहना है कि अभी वह दो दर्जन और महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं। जल्द ही उन्हें रोजगार से जोड़ेंगी। उनकी कोशिश है कि एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाए ताकि एक साथ सौ से दो सौ महिलाओं को प्रशिक्षण दे सकूं। इस प्रोजेक्ट को कौशल विकास मिशन से जोड़ने का इरादा है। इससे महिलाओं को बैंकों से वित्तीय मदद भी मिलेगी और वे खुद का कारोबार शुरू कर सकेंगी। जो लोन लेने की स्थिति में नहीं होंगी उन्हें वह अपने यहां ही रोजगार दे देंगी। टैडी बियर की मांग बढ़ रही है ऐसे में रोजगार के अवसर भी बढ़ना लाजिमी है।