कानपुर में 25 तक कार्यालय में जमा करें बिल, समय से खातों में पहुंचेगा वेतन
साथ ही अगर स्कूल से शिक्षक या कर्मचारी ने वेतन न मिलने की शिकायत की तो प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं डीआइओएस ने यह भी कहा है कि अगर उनके कार्यालय के स्तर से देरी होती है तो संबंधित लिपिक या सहायक के खिलाफ भी कार्रवाई वह खुद करेंगे।
कानपुर, जेएनएन। वेतन बिल को लेकर जिले के 141 माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक आएदिन ही या तो हंगामा करते हैं, या कार्यालय की लचर व्यवस्था के चलते डीआइओएस को कोसते हैं। पिछले दो माह की स्थिति देखें तो आपदा के इस दौर में कई कारणों से शिक्षकों को जब समय से वेतन नहीं मिला तो उन्होंने डीआइओएस को जमकर कोसा।
डीआइओएस ने जब इस मामले का संज्ञान लिया, तो सामने आया कि स्कूलों से ही शिक्षकों के वेतन बिल कार्यालय में नहीं आए। हालांकि अब डीआइओएस ने प्रधानाचार्यों व शिक्षक संगठन के नेताओं से दो टूक कह दिया है, कि अगर हर माह 25 तारीख तक डीआइओएस कार्यालय में वेतन बिल न पहुंचे तो हर माह की सात तारीख तक वेतन न मिलने के उत्तरदायी प्रधानाचार्य होंगे। साथ ही अगर स्कूल से शिक्षक या कर्मचारी ने वेतन न मिलने की शिकायत की, तो प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, डीआइओएस ने यह भी कहा है कि अगर उनके कार्यालय के स्तर से देरी होती है तो संबंधित लिपिक या सहायक के खिलाफ भी कार्रवाई वह खुद करेंगे।
ऐसे जारी होता है वेतन : सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों व कॢमयों के वेतन बिल हर माह डीआइओएस कार्यालय में आते हैं। इसके बाद उनका परीक्षण किया जाता है। फिर सभी पर लेखाधिकारी व डीआइओएस के हस्ताक्षर होते हैं, उसके बाद वेतन बिल ट्रेजरी में भेजे जाते हैं। ट्रेजरी से वेतन की राशि शिक्षकों व कॢमयों के खातों में सीधे भेजी जाती है।