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बुंदेलखंड में लहलहाएगी फसलें, मुस्कुराएंगे बाग

बदहाली का दंश झेल रहे बुंदेलखंड की धरा को हरा भरा करने की तैयारी है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो यहा के खेतों में फसलें लहलहाएंगी, जबकि बाग मुस्कुरा उठेंगे। सारा साल सब्जिया और फल की उपलब्धता रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Jul 2018 03:29 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 03:29 PM (IST)
बुंदेलखंड में लहलहाएगी फसलें, मुस्कुराएंगे बाग
बुंदेलखंड में लहलहाएगी फसलें, मुस्कुराएंगे बाग

जागरण संवाददाता, कानपुर : बदहाली का दंश झेल रहे बुंदेलखंड की धरा को हरा भरा करने की तैयारी है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो यहा के खेतों में फसलें लहलहाएंगी, जबकि बाग मुस्कुरा उठेंगे। सारा साल सब्जिया और फल की उपलब्धता रहेगी। यह सब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और इंटेंसिव कल्टीवेशन ऑफ वेजीटेबल्स एंड फ्रूट्स प्रोग्राम के अंतर्गत संभव होगा। इसका पूरा मॉडल चंद्रशेखर आजाद (सीएसए) कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया जाएगा। इसकी घोषणा शुक्त्रवार को उद्यान विभाग के सचिव सुधीर गर्ग ने की। वह कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन से मिलने विवि. आए थे। उन्होंने विवि. प्रशासन से पूरा प्लान और प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उस प्रोजेक्ट को अलग अलग हिस्सों में चलाया जाएगा। बुंदेलखंड में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन जाने से किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया जा रहा है।

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पीपीपी मॉडल पर होगा काम

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और इंटेंसिव कल्टीवेशन ऑफ वेजीटेबल्स एंड फ्रूट्स प्रोग्राम की फंडिंग सरकार की ओर से वहन की जाएगी। इसके अंतर्गत बुदेंलखंड में कई फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) यूनिट लगाई जाएगी। इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित किया जाएगा।

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खेती की नई तकनीक होगी विकसित

बुंदेलखंड में खेती की नई तकनीक विकसित की जाएगी। वहा कम पानी में बेहतर उत्पादन देने वाली फसलों के उन्नत बीजों को तैयार किया जाएगा। इसमें सरसों, दाल, गेहूं, फल, सब्जिया, मसाले की खेती आदि शामिल है। किसानों को नए उपकरणों से मुहैया कराया जाएगा।

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शाक भाजी अनुसंधान संस्थान में बनेगा मॉडल

सीएसए विवि. से संबद्ध शाक भाजी अनुसंधान संस्थान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मॉडल तैयार होगा। इनकी टेस्टिंग भी की जाएगी। कई तरह के शोध कार्य भी होंगे। पुराने रिसर्च का उपयोग किया जाएगा। संस्थान में अलग अलग सब्जियों और अलग अलग फलों के लिए मॉडल तैयार होंगे।

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साल भर मिलने वाले फल, सब्जियों को वरियता

बुंदेलखंड के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए सबसे पहले साल भर मिलने वाले फल और सब्जियों को वरियता दी जाएगी। इनमें केले, पपीता, अमरूद, आलू, बैंगन आदि शामिल हैं। इनकी पैदावार बढ़ाने के साथ ही इनकी फूड प्रोसेसिंग होगी।

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बुंदेलखंड के अलग अलग हिस्से होंगे चिन्हित

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए बुंदेलखंड के अलग अलग हिस्से चिन्हित किए जाएंगे। यह छोटे छोटे वगरें में विभाजित होंगे। इसमें बादा, चित्रकूट, ललितपुर आदि शामिल हैं।

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चिप्स, जूस, जैली की तैयारी

खाद्य प्रसंस्करण से चिप्स, जूस, जैली के निर्माण की तैयारी की जाएगी। कुछ चिप्स की इकाईया कानपुर, कन्नौज में भी लगाई जाएंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक कानपुर मंडल सबसे अधिक आलू की पैदावार करता है, लेकिन चिप्स महाराष्ट्र और पंजाब से आते हैं। अगर यह सुविधा यहा हो जाए तो किसानों को काफी लाभ मिलेगा।

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सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बुंदेलखंड में फलों और सब्जियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मॉडल तैयार कर रही है। वहा सेंटर के निर्माण में पूरी भूमिका रहेगी। इसके बनने से खेती की तकनीक विकसित होगी। पैदावार बढ़ेगी, जिससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा। '

- प्रो. सुशील सोलोमन, कुलपति, सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि.


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