मशरूम की खेती से मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं तो ये खबर जरूर पढ़ें
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वद्यालय के छात्रों ने मशरूम की ओएस्टर प्रजाति तैयार की है।
कानपुर, [समीर दीक्षित]। शाक-भाजी उत्पादन भी रोजगार का एक बेहतर साधन बनकर उभर रहा है, विशेष सब्जियों के उत्पादन से उन्नतशील किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं। इसी में मशरूम की खेती भी शामिल है, यदि इसके उत्पादन से मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं तो छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मददगार साबित हो सकते हैं। यहां के छात्रों ने मशरूम की 'ओएस्टरÓ प्रजाति तैयार की है, जो किसानों को मालामाल कर देगी। कई किसान प्रोफेसरों से मुलाकात कर इसकी खेती के लिए इच्छा जता चुके हैं। इसकी फसल के लिए सर्दी का मौसम मुफीद है।
विश्वविद्यालय बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग के छात्रों ने प्रोफेसरों की मदद से विपरीत मौसम में होने वाली मशरूम की प्रजाति तलाशी थी। इस दौरान सामने आया कि 'ओएस्टरÓ प्रजाति किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। पिछले दिनों कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और कुलसचिव डॉ.वीके सिंह ने भी निरीक्षण कर फसल को देखा था। जब किसानों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने बीएसबीटी विभाग के प्रोफेसरों से मुलाकात कर इस प्रजाति की फसल करने की इच्छा जताई। प्रोफेसरों के मुताबिक इस प्रजाति के लिए सर्दी का मौसम मुफीद होता है। ऐसे में सटीक समय पर छात्र खेतों में जाकर किसानों की मदद करेंगे और उन्हें बीज पर मुहैया कराएंगे। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा।
यह है खासियत
मशरूम की ओएस्टर प्रजाति पोषण युक्त होती है। अन्य प्रजातियों से इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक है। अभी तक इसकी नाममात्र ही खेती होती है, लेकिन विश्वविद्यालय के छात्र इसके बीज का उत्पादन कर किसानों को देंगे। सीएसजेएमयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता कहती हैं कि अगर विवि के छात्रों व शिक्षकों की मदद से किसानों को लाभ मिल सकता है, तो इसके लिए सभी को निर्देशित करेंगे। यह विवि की एक बेहतर पहल होगी।
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