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CSJMU Examination: कॉलेज में नकल कराने पर भड़के छात्रों का हंगामा, पुलिस ने संभाले हालात

सचेंडी के संबलपुर महाविद्यालय में परीक्षा समय खत्म होने के बाद एक कक्ष में शिक्षकों द्वारा बोर्ड में लिखकर कुछ परीक्षार्थियों को नकल कराए जाने पर दूसरे छात्र भड़क गए और वीडियो बनाकर हंगामा शुरू कर दिया ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 12:34 PM (IST)
सचेंडी के दीन दयाल कुशवाहा महाविद्यालय का मामला है।

कानपुर, जेएनएन। सचेंडी थाना क्षेत्र के संबलपुर गांव स्थित महाविद्यालय में बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में शनिवार को छात्रों ने उस समय हंगामा शुरू कर दिया, जब कक्ष के अंदर नकल करा रहे कक्ष निरीक्षकों ने वीडियो बनाए जाने पर मारपीट कर दी। इसके बाद छात्रों के हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाकर शांत कराया और जांच करने की बात कही। मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन को भी अवगत कराया गया है, केंद्र पर परीक्षा से संबंधित फैसला अब विवि स्तर पर ही लिया जाएगा।

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रैकेपुर के संबलपुर गांव स्थित दीन दयाल कुशवाहा महाविद्यालय में शनिवार को पहली पाली में बीएससी द्वितीय वर्ष की रसायन विज्ञान की परीक्षा छूटने के बाद छात्र कक्षों से बाहर निकल। इस बीच छात्रों की नजर महाविद्यालय के कमरों में गई, जहां कक्ष निरीक्षक छात्रों को नकल करा रहे थे। यह देखकर छात्र जबरन कमरों के अंदर घुस गए तो देखा कि परीक्षा समय खत्म होने के आधे घंटे बाद भी शिक्षक बोर्ड पर लिखकर नकल करा रहे थे। इसपर आक्रोशित छात्रों ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया तो शिक्षकों ने उनकी पिटाई कर दी। इसके छात्रों ने महाविद्यालय में जमकर हंगामा शुरू कर दिया और कुछ छात्र सड़क पर आकर बैठ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे छात्रों को कार्रवाई का आश्वासन देकर समझाया और शांत कराया। छात्रों के जाने के बाद महाविद्यालय प्रबंधन ने राहत की सांस ली। सचेंडी थाना प्रभारी सतीश राठौर ने बताया कि हंगामा कर रहे छात्रों को शांत कराकर हटा दिया गया है। घटना के संदर्भ में एसडीएम को सूचना दी गई है, मामले की रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी ।

नकल का उठता है ठेका

विश्वविद्यालय की परीक्षा शुरू होने से पहले ही नकल माफिया सक्रिय हो जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले परीक्षार्थियों को नकल कराने का ठेका लेते हैं, जिसमें मोटी रकम महाविद्यालय में भी देते हैं। इसके बाद परीक्षा से संबंधित विषय के अध्यापक की ड्यूटी कक्ष में लगाई जाती है, जहां परीक्षार्थियों को नकल कराई जानी होती है। ऐसे छात्रों के लिए एक कक्ष में बिठाने की व्यवस्था की जाती है।

ऑब्जर्वर टीमें भी हैं नतमस्तक

नकल की रोकथाम के लिए विश्वविद्यालय की ऑब्जर्वर टीमें लगाई जाती हैं लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही भनक लग जाती है। महाविद्यालय का गेट खुलने के पहले ही व्यवस्था ठीक हो जाती है। महाविद्यालय पहुंची टीम भी खानापूर्ति करके निकल जाती है।


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