हैकर पकडऩे के बाद एसटीएफ के रडार पर आईं एटीएम इंस्टाल करने वाली कंपनियां
आरोपितों से पूछताछ में पता लगा कि हैकर से एटीएम का पैनल खोलने के गुर सीखे थे। इसके बाद एटीएम इंस्टालेशन व सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों का ब्योरा निकलवाना शुरू किया है।
कानपुर(जागरण संवाददाता)। चकेरी के तीन एटीएम हैकरों के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ की नजर अब एटीएम इंस्टाल करने वाली कंपनियों पर है। माना जा रहा है कि इन कंपनियों का ही कोई कर्मचारी हैकरों से संपर्क में है जो उन्हें एटीएम खोलने व उससे छेड़छाड़ कर रकम निकालने के गुर सिखा रहा है।
एटीएम से छेड़छाड़ कर रकम निकाले जाने की सूचना पर एसटीएफ ने शनिवार को चकेरी अहिरवां के संजीव नगर निवासी विनय गोस्वामी उर्फ पंडित, पटेलनगर के विशाल सिंह उर्फ कद्दू और अहिरवां यादव नगर निवासी शोभित कुमार उर्फ डब्बू को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 16 एटीएम कार्ड के अलावा दो मोबाइल, एटीएम का हुड खोलने की चाबी और 23 सौ रुपये भी बरामद हुए थे।
आरोपितों से पूछताछ में टीम को पता लगा कि उन्होंने एक हैकर से एटीएम का पैनल खोलने के गुर सीखे थे। इसके बाद टीम ने एटीएम इंस्टालेशन व सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों का ब्योरा निकलवाना शुरू किया है। कंपनी से जुड़े चकेरी क्षेत्र में रहने वाले कुछ युवकों पर संदेह है। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि बिना कंपनी कर्मचारियों की मिलीभगत के एटीएम को खोलकर रकम निकालना आसान नहीं है। जल्द ही गिरोह का पर्दाफाश होगा।
मशीन में मिली थी स्किमर, नहीं लिखाया मुकदमा
करीब 15 दिन पूर्व डिप्टी पड़ाव स्थित केनरा बैंक के एटीएम पर कार्ड क्लोनिंग करने वाली स्किमर डिवाइस लगी मिली थी। एक ग्र्राहक जब रकम निकालने पहुंचा तो पता लगा था। बैंक के अधिकारियों के साथ एटीएम इंस्टाल करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि भी आए थे पर धोखाधड़ी के इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया। एसटीएफ इस मामले में भी जांच कर रही है। कंपनी के प्रतिनिधियों से पूछताछ की जा सकती है।
अपराध के दलदल में उतार रही जल्द अमीर बनने की चाहत
एटीएम हैङ्क्षकग में सरकारी कर्मचारियों व कोटेदार के बेटे भी शामिल हैं। शार्ट कट से रुपये कमाने की चाहत में वे अपराध के दलदल में उतर रहे हैं। उनके परिवारों को इस बात की भनक तक नहीं कि बेटा किस रास्ते पर जा रहा है। लखनऊ की एसटीएफ ने जिन हैकरों को पकड़ा, उनमें शोभित कोटेदार का जबकि विशालबीएसएफ जवान का बेटा है। वहीं विनय के पिता प्राइवेट फर्म में नौकरी करते हैं।
एसटीएफ के पास कई हैकरों की कुंडली
तीन दिन से एटीएम हैकिंग मामले की जांच कर रही एसटीएफ के पास अब तक कई हैकरों की कुंडली आ चुकी है। तीनों युवकों की गिरफ्तारी के बाद उनके कई दोस्त गायब हो गए हैं। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि पकड़ा गया शोभित पढ़ाई छोडऩे के बाद दो साल से हैङ्क्षकग की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। उसने नागपुर (महाराष्ट्र) में भी एटीएम से रुपये निकाले थे।
नागपुर के नंदावन थाने की पुलिस को उसकी तलाश थी। वहीं विशाल हाल ही में शोभित के संपर्क में आया। तीसरा आरोपित विनय गोस्वामी ग्वालियर में घटना कर फरार हुआ था। सीसीटीवी फुटेज के जरिये उसकी वहां की पुलिस तलाश कर रही थी। एसटीएफ को तीनों के जरिये कई और युवाओं का पता चला है। इसमें इंजीनियङ्क्षरग व डिग्री कालेजों के छात्र, ढाबा संचालक आदि शामिल हैं।
कैश भरने वाली कंपनी के कर्मचारी समेत चार की तलाश
एटीएम में कैश भरने वाली कंपनी के पूर्व कर्मचारी अहिरवां निवासी अमित चौहान के साथ पुलिस चार युवकों को ढूंढ रही है। अमित पूर्व में हैङ्क्षकग मामले में जेल जा चुका है। उसने कई युवकों को एटीएम की पावर सप्लाई बंद कर पैनल खोलने और उससे रुपये निकालने का प्रशिक्षण दिया था। ट्रेङ्क्षनग के बदले उसने युवकों से पैसा भी लिया था। आपराधिक पृष्ठभूमि के अहिरवां निवासी दो सगे भाई भी ट्रेनर थे। उनका एक रिश्तेदार नर्वल निवासी दीपक ङ्क्षसह रूमा में बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम पर पैसा निकालने की कोशिश करते देखा गया था। एटीएम गार्ड ने उसकी बाइक पकड़कर थाने में खड़ी कराई थी।