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नई पेंशन स्कीम का पुतला फूंक कर पुरानी व्यवस्था की मांग

संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में शिक्षकों व कर्मियों ने नारेबाजी कर मांगी पुरानी पेंशन।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 05:41 PM (IST)
नई पेंशन स्कीम का पुतला फूंक कर पुरानी व्यवस्था की मांग
नई पेंशन स्कीम का पुतला फूंक कर पुरानी व्यवस्था की मांग

जागरण संवाददाता, कानपुर : पुरानी पेंशन बहाल करन को लेकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच उप्र के पदाधिकारियों ने तीसरे व अंतिम दिन धरना देकर कार्य बहिष्कार किया। चुन्नीगंज स्थित संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में एकजुट शिक्षकों व कर्मियों ने मौजूदा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। काफी देर तक धरना प्रदर्शन करने के बाद संगठन के सदस्यों ने न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) का प्रतीकात्मक पुतला फूंक कर कहा कि पुरानी पेंशन चाहिए। इस दौरान भूपेश अवस्थी, प्रभात मिश्रा, आरसी कनौजिया, राकेश बाबू पांडेय, रजनीश श्रीवास्तव, सौरभ मिश्रा, मयंक त्रिपाठी, शैलेंद्र द्विवेदी, राहुल मिश्रा, बीएल गुलाबिया आदि मौजूद रहे।

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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर ही दयानंद ग‌र्ल्स महाविद्यालय में कर्मियों ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर रमेश यादव, आजाद ¨हद, शैलेंद्र प्रताप आदि उपस्थित रहे। इसी मांग के समर्थन में अपर श्रमायुक्त कार्यालय, श्रमायुक्त कार्यालय, आरटीओ, केडीए, बेसिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षा अराजपत्रित कर्मचारी संघ, उप्र सीनियर बेसिक शिक्षक संघ, ब्रह्मानंद कॉलेज कर्मचारी एसोसिएशन, सेवायोजन कार्यालय, वीएसएसडी डिग्री कॉलेज, विकास, भवन, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, वाणिज्यकर कार्यालय समेत अन्य ंिवभागों, कार्यालयों, महाविद्यालयों व इंटर कॉलेजों में शिक्षक व कर्मियों ने प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन बहाल करने की बात कही। - - - - - - - - - - - - - - -

संग्रह अमीनों ने हक के लिए भरी हुंकार

कानपुर : उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर संग्रह सेवा संघ की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक शुक्रवार को वाणिज्य कर भवन में हुई। इसमें वाणिज्य कर संग्रह अमीनों ने हक के लिए हुंकार भरी है। उनका कहना था कि अगर उन्हें नजर अंदाज किया गया तो आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। बैठक में संग्रह कर्मचारियों के कैडर रिव्यू किए जाने, संग्रह अधीक्षक के 6 पदों को बढ़ाकर 90 किए जाने, संग्रह अमीन का बेसिक पे बैंड 2000 से बढ़ाकर 2800 रुपये किए जाने का प्रस्ताव वेतन समिति से वित्त विभाग द्वारा निस्तारित कराए जाने की मांग उठाई गई। अध्यक्षता राजा भरत अवस्थी और संचालन कानपुर इकाई के जिला मंत्री धर्मेद्र अवस्थी ने किया। जिला अध्यक्ष शिव शंकर भदौरिया ने अतिथियों का स्वागत किया। बैठक में महेंद्र सिंह यादव, वीपी सिंह, उमेश चंद्र वर्मा, बृज मोहन शर्मा, जेपी पांडेय, महेंद्र श्रीवास्तव, शिव कुमार राठौर, राजेश सिंह, बृजेश वर्मा, अभिषेक सिंह, बुद्ध पाल सिंह, प्रभात त्रिपाठी व अरविंद चौरसिया थे। - - - - - - - - - - - - - -

आयकर अधिकारी पर हठधर्मिता का आरोप लगा प्रदर्शन

कानपुर : गाजियाबाद के आयकर अधिकारी पर हठधर्मिता का आरोप लगाकर शुक्रवार को आयकर कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के सभी आयकर कार्यालयों में प्रदर्शन हुए। इसके तहत सिविल लाइंस आयकर कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया गया। देर शाम प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने महासंघ की मांग के अनुरूप आदेश जारी कर दिया। मांग पूरी होने पर आंदोलन समाप्त कर दिया गया। आयकर कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के महासचिव अजय तिवारी ने कहा कि स्थानीय स्थानांतरण एवं पदस्थापन-2018 का आदेश जारी न करना गंभीर मामला है। महासंघ के केंद्रीय नेतृत्व के महामंत्री रूपक सरकार की 4 सितंबर को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, नई दिल्ली के साथ बैठक है। मांग पूरी होने गई है, इसलिए अब इस पर चर्चा नहीं होगी। वहीं कन्फेडरेशन के जिला महासचिव एवं रीजनल अध्यक्ष शरद प्रकाश अग्रवाल ने त्वरित सुनवाई होने पर उन्हें धन्यवाद दिया। अध्यक्षता सर्किल अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार भारतीय व संचालन शिव कुमार ने किया। प्रदर्शन में रजनीश श्रीवास्तव, गोविंद मिश्र, सुनील कुमार, बृजेश कुमार बाजपेयी, संतोष कुमार, राकेश राय, राजकुमार यादव, ब्रजेश कुमार, अविनाश कुमार, अमिय आनंद पांडेय, पंकज यादव, अमित बनर्जी, प्रमोद, शरद शुक्ल, एचके तिवारी, संजय दीक्षित, प्रवीन कुमार बाजपेयी, श्रवण पाठक थे। - - - - - - - - - - - - - - -

सरकार के खिलाफ सड़क पर साहित्यकार

कानपुर : जनवादी लेखक संघ के साथ शुक्रवार को विभिन्न संगठन सड़कों पर आ गए। साहित्यकार और विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले समाजसेवियों ने सरकार के खिलाफ फूलबाग चौराहे पर मानव श्रंखला बनाई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि गरीब, दलित, शोषित और मानव अधिकार की आवाज उठाने वालों के खिलाफ सरकार साजिश कर रही है। आदिवासी क्षेत्रों की जमीन उद्योगपतियों को दी जा रही है, उसका विरोध करने वालों को 'शहरी नक्सली' जैसा नाम दिया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार गैस, डीजल और पेट्रोल के बढ़ते जा रहे दामों, राफेल घोटाले और मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए साजिश कर रही है। प्रदर्शन में वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री गिरिराज किशोर, सईद नकवी, अमरीक सिंह दीप, अनीता मिश्रा, डॉ. आनंद शुक्ला, संध्या त्रिपाठी, आलोक अग्निहोत्री, अरविंद राज स्वरूप, नीरज यादव आदि शामिल हुए।


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