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फूलबाग में जुटे हजारों राज्य कर्मचारी, जानें-क्यों काम छोड़कर धरने पर बैठे Kanpur News

राज्य कर्मचारियों की मांग है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए और अनिवार्य सेवानिवृत्ति में पारदर्शिता बरती जाए।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 02:32 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 02:32 PM (IST)
फूलबाग में जुटे हजारों राज्य कर्मचारी, जानें-क्यों काम छोड़कर धरने पर बैठे Kanpur News
फूलबाग में जुटे हजारों राज्य कर्मचारी, जानें-क्यों काम छोड़कर धरने पर बैठे Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। फूलबाग मैदान में मंगलवार की सुबह गांधी प्रतिमा के पास हजारों राज्य कर्मचारियों का जमावड़ा लग गया और नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को देखकर सड़क से गुजर रहे लोगों के कदम भी ठिठक गए। दरअसल, राज्य कर्मियों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना शुरू किया है। उनकी मांग है कि पूर्व में मिल रही पेंशन व्यवस्था बहाल हो और अनिवार्य सेवानिवृत्त के मामले में पारदर्शिता बरती जाए।

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में राज्य कर्मचारियों ने गांधी प्रतिमा फूलबाग में धरना प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि वार्षिक प्रविष्टि में अति उत्तम की बाध्यता समाप्त करते सक्षम अधिकारी द्वारा वार्षिक प्रविष्टि प्रदान करने के निर्देश जारी किए जाएं। राज्य कर्मचारियों की 50 वर्ष की आयु पार कर लेने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामले में पारदर्शिता के साथ मार्ग दर्शक सिद्धान्तों को घोषित करते हुए हो। ऐसा न होने से कई मामलों में कानूनी पेंच खड़े हो गए।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू होने की घोषणा के बावजूद उच्च सुविधा युक्त चिकित्सकीय संस्थानों के साथ शासकीय अनुबन्ध अबतक नहीं हुआ है। इससे कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए अनुबंध जल्द किया जाए। कर्मचारियों/पेशनर्स/सेवानिवृत्त के लिए हेल्थ कार्ड अभियान चलाकर बनवाए जाएं। केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों पर निर्णय होने के बाद प्रदेश कर्मियों को भी उनके समान भत्ते दिए जाएं। वेतन समिति द्वारा जारी वेतन विसंगतियों के निर्णय लागू किए जाएं।

फील्ड कर्मचारियों को उच्च स्तरीय समिति में तयशुदा मोटर साइकिल भत्ता मंजूर किया जाए। वर्ष 2001 तक विनयमित कर्मचारियों की सेवा जोड़कर पेंशन का लाभ दिया जाए। अप्रैल 2005 तक के कर्मचारियों को विनियमित करते हुए सेवा/पेंशन का लाभ प्रदान किया जाए। अप्रैल 2005 से पूर्व निकाली गई रिक्तियों के सापेक्ष 2005 के बाद योगदान करने वाले कार्मिक/शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।


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