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बड़ा ही शातिर है सॉल्वर गिरोह, इस तरह चेहरा बदल परीक्षक को देते थे चकमा

पुलिस की पूछताछ में सॉल्वरों ने पांच से दो लाख रुपये में सौदा तय करने की जानकारी दी।

By Edited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 01:21 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 11:31 AM (IST)
बड़ा ही शातिर है सॉल्वर गिरोह, इस तरह चेहरा बदल परीक्षक को देते थे चकमा
बड़ा ही शातिर है सॉल्वर गिरोह, इस तरह चेहरा बदल परीक्षक को देते थे चकमा
कानपुर, जेएनएन। सिविल कोर्ट स्टाफ परीक्षा में पकड़ा गया सॉल्वर गिरोह बड़ा ही शातिर था। अभ्यर्थियों में लाखों से सौदा करने के साथ इस तरह चेहरा बदलकर फोटो बनाते थे कि परीक्षक भी धोखा खा जाते थे। फोटो मिक्सिंग सॉफ्टवेयर से अभ्यर्थी और सॉल्वर का चेहरा मिक्स करके फोटो बनाई जाती थी। इसके बाद परीक्षा के समय सॉल्वर का पकड़ा जाना संभव नहीं हो पाता था। गिरोह ने बड़ी ही होशियारी से परीक्षा देने की कोशिश की थी लेकिन एसटीएफ ने उनकी साजिशों को नाकाम कर दिया।
मिक्सर साफ्टवेयर से तैयार कराते थे फोटो
पकड़े गए गिरोह के सरगना अमित उर्फ राहुल ने बताया कि वह लोग परीक्षाओं में बैठाने के लिए मिक्सर साफ्टवेयर की मदद से फोटो तैयार कराते थे। जिसमें दोनों का मिलता जुलता चेहरा होने से कोई जल्दी भाप नहीं पाता था। फोटो की क्वालिटी भी धुंधली होने के चलते चेकिंग करने वाले अधिकारी धोखा खा जाते थे।
पांच से दो लाख रुपये तक में हुआ सौदा
जांच में पाया गया है कि परीक्षा देने के लिए सॉल्वर गैंग के गिरोह ने किसी से पांच लाख तो किसी से दो-दो लाख रुपये का सौदा हुआ। शहर में पकड़े गए सॉल्वरों ने बताया कि कन्नौज के अवनीश, फर्रूखाबाद के कुलदीप, मोहम्मद आलम और कन्नौज के राहुल यादव को परीक्षा पास कराने के लिए पाच-पाच लाख रुपये का सौदा तय किया था। चारो अभ्यर्थियों से दो लाख रुपये बतौर एडवांस मिले थे। लखनऊ में पकड़े गए सॉल्वरों ने एसटीएफ को बताया कि उन्होंने भी अभ्यर्थियों से दो-दो लाख रुपये एडवांस में लिए थे, जिसमें सॉल्वर को 50-50 हजार रुपये दिए थे।
प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेता था सरगना
एएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव के मुताबिक कानपुर में पकड़े गए गिरोह के सरगना राहुल ने बताया कि प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये लेकर सॉल्वर उपलब्ध कराता था। दोनों अभ्यर्थियों से एडवांस में दो-दो लाख रुपये लिए थे। दोनों सॉल्वर को उसने एक-एक लाख रुपये भी दिए थे।
बीटेक छात्र है सॉल्वर
गोविंदनगर थाने में नामजद छिबरामऊ निवासी सॉल्वर अभिनव बीटेक छात्र है। उसके पिता राज बहादुर सिंह छिबरामऊ स्थित एक बैंक में कर्मचारी हैं। एक लाख रुपये के लिए वह सॉल्वर बन बैठा।
रिश्तेदार की कार भी हुई जब्त
पकड़े गए गिरोह के सरगना अमित उर्फ राहुल की शादी बर्रा-4 में तय हुई थी। शादी में अमित ने 15 लाख की ईको स्पोर्ट्स गाड़ी की माग की थी। जिसमें लड़की पक्ष के लोगों ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो पाच लाख रुपये अमित ने लड़की पक्ष को दिए थे। जिसके बाद वह कार ली गई थी। रिश्तेदारों ने बताया कि परीक्षा होने की बात कहकर वह यहा आया था। जिसके बाद कार मागकर ले गया था।
आदित्य और राहुल ममेरे भाई
राहुल के मुताबिक सॉल्वर आदित्य उसका ममेरा भाई तो अभिनव उसका दोस्त है। रिश्तेदारों के माध्यम से वह लोग शिकार फंसाते थे और सौदा पटने पर तीनों मिलकर काम करते थे। राहुल बीए पास है। आदित्य बीएड की पढ़ाई कर रहा है।
इनकी तलाश जारी
इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि फरार अभियुक्तों बिसंधुआ जसपुरा कन्नौज निवासी अवनीश और फर्रूखाबाद के कुलदीप की तलाश की जा रही है। पकड़े गए सॉल्वरों से पाच मोबाइल फोन, एक टैबलेट, एक बिना नंबर की कार, तीन एटीएम कार्ड, अमित का ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम, वोटर कार्ड, कुलदीप यादव के नाम पर वोटर कार्ड, आधार कार्ड, अवनीश का आधार व वोटर कार्ड मिला है।
 

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