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संयुक्त सचिव ने कहा...इथेनाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए 60 लाख टन चीनी होगी कम

लैब क्लास रूम और तकनीक को देखा। उन्होंने बताया कि चीनी की मात्रा कम करके गन्ने से इथेनाल बनाया जाएगा। 165 लाख टन अनाज से इथेनाल बनाने की तैयारी है। मौजूदा समय में पेट्रोल में 8.5 फीसद ही इथेनाल मिलाया जा रहा है

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 08:26 AM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 08:26 AM (IST)
इस वर्ष 308 लाख टन चीनी हुई है जबकि 50 लाख टन सरप्लस है

कानपुर, जेएनएन। वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसद इथेनाल मिलाने के लिए इसका उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। चीनी उत्पाद पिछले कई वर्षों से सरप्लस है। कोरोना संक्रमण के समय इसकी मांग और भी कम हो गई है। इथेनाल का उत्पादन ज्यादा करने के लिए अब 60 लाख टन चीनी की पैदावार कम की जाएगी। यह बात उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान कही। वह गुरुवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में इंटरेक्टिव सेमिनार रूम का उद्घाटन करने आए थे।

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संयुक्त सचिव ने संस्थान परिसर का निरीक्षण किया। लैब, क्लास रूम और तकनीक को देखा। उन्होंने बताया कि चीनी की मात्रा कम करके गन्ने से इथेनाल बनाया जाएगा। 165 लाख टन अनाज से इथेनाल बनाने की तैयारी है। मौजूदा समय में पेट्रोल में 8.5 फीसद ही इथेनाल मिलाया जा रहा है। चीनी की तकनीक के लिए कई देशों से करार किया जाएगा। निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि पेट्रोल में 20 फीसद इथेनाल मिलाने के लिए एक हजार करोड़ लीटर इथेनाल की आवश्यकता है। 165 लाख टन अनाज से इथेनाल बनाने की तैयारी है। मौजूदा समय में पेट्रोल में 8.5 फीसद ही इथेनाल मिलाया जा रहा है। चीनी की तकनीक के लिए कई देशों से करार किया जाएगा। निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि पेट्रोल में 20 फीसद इथेनाल मिलाने के लिए एक हजार करोड़ लीटर इथेनाल की आवश्यकता है । इस वर्ष 308 लाख टन चीनी हुई है जबकि 50 लाख टन सरप्लस है।

देश-विदेश के छात्र और विशेषज्ञ जुड़ सकेंगे : प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि इंटरेक्टिव सेमिनार रूम से देश-विदेश के छात्र और विशेषज्ञ जुड़ सकेंगे। इसमें कैमरे, स्पीकर और अन्य सुविधाएं हैं। छात्रों को दूसरे देशों के विशेषज्ञ क्लास रूम की तरह पढ़ाई करा सकेंगे। कक्ष को आनलाइन पढ़ाई के अनुरूप विकसित किया गया है।


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