एसआइटी ने बंद कर दीं कानपुर के सिख विरोधी दंगे की नौ फाइलें, एक केस को विवेचना से किया बाहर
कानपुर में सिख विरोधी दंगे के मामलों की जांच के लिए सरकार ने एसअाइटी का गठन करके जांच सौंपी गई थी। टीम को सभी 40 मामलों की पत्रावलियां दी गई थीं जिसमें नौ मुकदमों की पत्रावलियाें की जांच साक्ष्य के अभाव में बंद कर दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। सिख विरोधी दंगे के दौरान दर्ज आठ मुकदमों में पीडि़त परिवारों ने गवाही देने या पैरवी करने से ही इन्कार कर दिया। लिहाजा मजबूरी में एसआइटी को आठ फाइलें बंद करनी पड़ी हैं। वहीं नौबस्ता का एक केस ऐसा भी है, जिसमें दंगाई की ही गोली लगने से मौत हुई थी। इस फाइल को बंद करके विवेचना के दायरे से बाहर किया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगे के दौरान कानपुर में हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर प्रकृति के 40 मुकदमे दर्ज हुए थे। 11 मामलों में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया और बाकी में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। पिछले वर्ष सरकार ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया तो टीम ने सभी 40 मामलों में पत्रावलियां हासिल कीं। फाइनल रिपोर्ट वाले आठ मामले ऐसे मिले, जिसमें एसआइटी के इंस्पेक्टर व दारोगा अब तक कोई सुबूत व गवाह नहीं ढूंढ़ सके हैं।
एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि घटनास्थलों का निरीक्षण व आसपास रहने वालों से बात करके इन मामलों में पीडि़त परिवारों से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने गवाही देने से ही इन्कार कर दिया। एक महिला तो विदेश में रहती हैं, उन्होंने अपनी बीमारी व चलने फिरने में लाचारी का हवाला देकर गवाही देने से मना कर दिया। इस बाबत ई-मेल भी भेजा है। लिहाजा आठ मामलों की फाइल बंद की गई। साथ ही हत्या के एक मामले में सिख की मौत नहीं हुई थी। उस फाइल को भी बंद किया गया।
1984 के इन केस में बंद हुई फाइल
-पनकी में परविंदर सिंह के बेटे जसवीर की हत्या।
-विजयनगर में सरदार कुलदीप सिंह की हत्या, आगजनी।
-नौबस्ता में अनिल कुमार की हत्या का मामला।
-रतनलाल नगर में अज्ञात व्यक्ति की हत्या व लूटपाट।
-रतनलाल नगर में गुरुविंदर सिंह के घर डकैती व हत्या।
-ईडब्ल्यूएस कॉलोनी नौबस्ता में डकैती, हत्या।
-दबौली में हरचरण उर्फ पप्पू व दो अज्ञात की हत्या।
-गोविंदनगर में रतन सिंह, हरविंदर, परविंदर व बलवंत सिंह की हत्या।
-सेवाग्राम कॉलोनी में गुरुवचन सिंह के घर लूटपाट, आगजनी।
पीडि़त परिवारों के बयान लेने पंजाब जाएगी टीम
नौबस्ता, किदवईनगर, अर्मापुर थानों में दर्ज हुए सिख विरोधी दंगे के चार मुकदमों के पीडि़त परिवार अब पंजाब में रह रहे हैं। उनके बयान लेने टीम इसी सप्ताह पंजाब जाएगी। इसके बाद कानपुर बुलाकर कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। वहीं, एक मामले में शासन स्तर पर पैरवी की जा रही है। यह केस शासन की ओर से वापस ले लिया गया था। एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि निरालानगर यू ब्लॉक में गुरुदयाल सिंह के बेटे समेत तीन लोगों की हत्या हुई थी।
अब गुरुदयाल के स्वजन लुधियाना में रहते हैं। नौबस्ता में पुरुषोत्तम सिंह के भाई व रिश्तेदार की हत्या हुई थी। उनका परिवार जालंधर में रह रहा है। इसमें ओएफसी के गेट पर तीन कर्मचारियों और अर्मापुर एस्टेट में दो कर्मचारियों की हत्या मामले के पीडि़त परिवार चंडीगढ़ में रहते हैं। मृतक आश्रित के तहत इन परिवारों के सदस्यों की आर्डनेंस फैक्ट्री में नौकरी लग गई थी। टीम भेजकर सभी परिवारों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।