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Sikh Riots: 36 वर्ष पूर्व दंगाइयों के हमले में घायल महिला ने सुनाई आपबीती, कहा- आज भी नहीं भूली वो मंजर

Sikh Riotskanpur 36 वर्ष पूर्व दंगाइयों के हमले में घायल महिला ने दिल्ली पहुंची टीम को दी जानकारी। सिख विरोधी दंगे के दौरान दबौली में हुई थी वारदात पीडि़ता ने दंगाइयों को नहीं पहचाना। दबौली में सरदार जगजीत सिंह और उनके बेटे हरचरण की हत्या हुई थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 09:31 AM (IST)
Sikh Riots: 36 वर्ष पूर्व दंगाइयों के हमले में घायल महिला ने सुनाई आपबीती, कहा- आज भी नहीं भूली वो मंजर
1984 में हुए सिख दंगे को लेकर चल रही है एसआइटी की जांच।

कानपुर, जेएनएन। दिल्ली निवासी 53 वर्षीय परमजीत कौर ने बयान लेने पहुंची एसआइटी को कुछ इस तरह आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि दंगे के दौरान उनकी उम्र महज 17 वर्ष थी, लेकिन अब भी वो मंजर याद आते ही सिहर उठती हैं। उन्होंने दंगाइयों को पहचानने की बात से इन्कार कर दिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि दंगाइयों की भीड़ ने आंखों के सामने मेरे पिता और भाई को डंडे-सब्बड़ से पीटा, उन पर कोई ज्वलनशील पाउडर डालकर जिंदा जला दिया था। मैं पिता को बचाने की कोशिश कर रही थी तो मेरे सिर पर भी लोहे की रॉड से वार किए और मृत मानकर जलती हुई चादर मेरे ऊपर फेंककर दंगाई फरार हो गए थे।

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दबौली के परिवार के भी बयान दर्ज 

सिख विरोधी दंगे के दौरान दबौली में सरदार जगजीत सिंह और उनके बेटे हरचरण की हत्या हुई थी। जगजीत ङ्क्षसह की पत्नी बलजीत कौर ने वारदात की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पिछले दिनों एसआइटी ने उनके बयान दर्ज किए। गुरुवार को दिल्ली के चांदनी चौक जाकर उनकी बेटी परमजीत के बयान लिए। सूत्रों के मुताबिक, परमजीत वारदात की चश्मदीद हैं। उन्होंने बताया है कि एक नवंबर 1984 की सुबह अचानक ढाई सौ से ज्यादा दंगाई घर आकर दरवाजा तोडऩे लगे। पिता ने पूरे परिवार को छिपने के लिए कहा तो मां सभी को लेकर पीछे वाले कमरे में जाकर छिप गईं। दंगाई गेट तोड़कर घुस आए और पिता पर लाठी-डंडे व सब्बड़ से हमला कर दिया। बचाने के लिए वह पिता से लिपट गईं तो दंगाई जगजीत सिंह के साथ उन्हें भी खींचकर बाहर ले आए। इसी बीच पिता को बचाने के लिए बड़ा भाई हरचरन पहुंचा तो दंगाइयों ने उस पर भी हमला किया। दोनों को लहूलुहान करने के बाद उन पर पाउडर डालकर आग लगा दी।

वह दंगाइयों को धक्का देते हुए उनसे भिड़ीं तो उनके सिर पर लोहे की रॉड से कई वार किए और जलती चादर फेंक दी। इससे उनके पैर झुलस गए थे। होश आने पर एक ऑटो मैकेनिक के घर पहुंचीं और पुलिस फोर्स के आने के बाद वहां से उन्हें अस्पताल ले जाया गया। तीन माह वह अस्पताल में भर्ती रहीं। एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि महिला को जल्द ही बुलाकर कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। आसपास के लोगों से पूछताछ कर आरोपितों का पता लगाया जाएगा।


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