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कानपुर देहात : 'नगर पंचायत ने कब्जा ली जमीन' लिख शटरिंग व्यवसायी ने दी जान, सपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर न्याय दिलाने की मांग की

कानपुर देहात में शटरिंग व्यापारी नगर पंचायत पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट लिख कर जान दे दी। व्यापारी का शव शीतलाष्टमी मंदिर के पास मिला। वहीं मामले को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर न्याय दिलाने की बात कही है।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sun, 03 Apr 2022 11:57 PM (IST)Updated: Sun, 03 Apr 2022 11:57 PM (IST)
कानपुर देहात : 'नगर पंचायत ने कब्जा ली जमीन' लिख शटरिंग व्यवसायी ने दी जान, सपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर न्याय दिलाने की मांग की
शटरिंग व्यापारी ने जहर खाकर दी जान।

कानपुर देहात,जागरण संवाददाता। रसूलाबाद के सुभाष नगर में शटरिंग व्यवसायी इंद्रपाल सिंह भदौरिया ने एसडीएम व थाना प्रभारी को संबोधित सुसाइड नोट में 'नगर पंचायत ने जमीन कब्जा ली' लिखकर जान दे दी। उनका शव शीतलाष्टमी मंदिर के पास मिला। स्वजन ने करीब चार घंटे तक सड़क जाम रख हंगामा किया। पुलिस ने लाठी पटककर खदेड़ा। मामले में नगर पंचायत चेयरमैन, अधिशासी अधिकारी (ईओ), सपा नेता व कर्मियों समेत छह पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने एक आरोपित कर्मी आनंद खरे को हिरासत में लिया है। वहीं, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मामले को उठाया है। कहा कि पीडि़त परिवार को मुआवजा व न्याय दिया जाए। लखीमपुर के बाद अब कानपुर देहात में, यह सिलसिला आखिर कब रुकेगा। 

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मृतक के बेटे अंकुर ने बताया कि मंदिर के पीछे हमारी बाग की जमीन थी। बुजुर्गों के पास इसका हरियाली पट्टा था। करीब डेढ़ माह पहले नगर पंचायत ने जमीन कब्जाकर साजिशन यहां तालाब खोदवा दिया। इसीलिए पिता ने परेशान होकर रविवार सुबह शीतलाष्टमी मंदिर के पास जहर खाकर जान दे दी। उधर, स्वजन ने अपराह्न तीन बजे शव झींझक रोड पर रखकर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे जाम लगाने के बाद महिलाएं व पुरुष शव लेकर रसूलाबाद चौराहे पर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। इससे वाहनों की कतारें लग गईं। आरोप लगाया कि नगर पंचायत चेयरमैन राजरानी दिवाकर, उनके प्रतिनिधि मोइन खान, प्रतिनिधि के पिता सपा नेता अकील अहमद पट्टा, ईओ नगर पंचायत दिनेश शुक्ला, वरिष्ठ लिपिक अमित बाबू, कर्मचारी आनंद खरे प्रताडि़त कर रहे थे। दो दिन के भीतर सपा नेता अकील अहमद की गिरफ्तारी के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।

मौके पर मिले सुसाइड नोट में यह लिखा

उपजिलाधिकारी महोदय मैं अपनी जमीन को लेकर बहुत दुखी होकर यह कदम उठा रहा हूं, जब हमारे पास पूरे कागज हैं। नोट हमारे परिवार को परेशान न किया जाए आपका इंद्रपाल सिंह भदौरिया। वहीं, दूसरी तरफ सेवा में थानाध्यक्ष महोदय अपनी जमीन नगर पंचायत ने जबरदस्ती कब्जा कर ली, जबकि पूरे कागज हमारे पास हैं। हमारे परिवार को परेशान न किया जाए।

पीडि़त परिवार ने कभी शिकायत नहीं की। करीब डेढ़ माह पूर्व तालाब खोदा गया था। राजस्व अभिलेखों में यह जगह तालाब के नाम दर्ज है। नगर पंचायत ने सुंदरीकरण के लिए तालाब खोदवाया है। मृतक के स्वजन ने पट्टा होने की बात कही, पर कागज मांगने पर पेश नहीं किए। कागजात दिखाने पर उसी हिसाब से कार्रवाई होगी।

-जितेंद्र कटियार, एसडीएम

तालाब खोदते समय किसी ने विरोध नहीं किया था। यह जमीन तालाब के नाम ही दर्ज है। इसमें एक बीघा 19 बिस्वा नगर पंचायत व एक बीघा नरेश कोरी के नाम पर है। जमीन पहले ग्राम समाज की थी, लेकिन नगर पंचायत बनने पर यह उसके अधीन आ गई। परिवार के लोगों ने घर से शव लाकर सुसाइड नोट लिखकर रख दिया। बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं।

- दिनेश शुक्ल, ईओ, रसूलाबाद नगर पंचायत।


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